बरम, फाफा, होकरा में खुलेंगे सामुदायिक पुस्तकालय जिला पंचायत बोर्ड से 15 लाख रुपए स्वीकृत
जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने जिला पंचायत बोर्ड से धारचूला में एक तथा मुनस्यारी में दो सामुदायिक पुस्तकालयों के लिए 15 लाख रुपए की धनराशि अपने प्रस्ताव पर स्वीकृत करा लिए है। जिला पंचायत ने बरम, उच्छैती, होकरा के लिए स्वीकृत पुस्तकालयों के लिए निविदा भी आमंत्रित कर ली है। शीघ्र ही इन क्षेत्रों में पुस्तकालय संचालन के लिए बैठक आयोजित की जाएगी। इन पुस्तकालयों के खुलने के बाद इस क्षेत्र के विद्यार्थियों को प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा।इन पुस्तकालयों के माध्यम से केवल प्रतियोगिता परीक्षा ही नहीं विद्यार्थियों को स्वरोजगार के क्षेत्र में भी अपना भविष्य तलाशने के लिए समय-समय पर कैरियर गाइडेंस के लिए सेमिनार भी आयोजित किए जाएंगे। जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने दावा किया कि उन्होंने अपने 5 वर्ष के कार्यकाल में उत्तराखंड में विकास की प्रचलित खड़ंजा संस्कृति के विपरित सामुदायिक पुस्तकालय खोलकर उत्तराखंड के जनप्रतिनिधियों लिए एक नया संदेश देने का प्रयास मात्र किया।उन्होंने कहा कि आजादी के 76 वर्ष के बाद भी प्रधान से प्रधानमंत्री तक केवल खड़ंजा, सीसी और बटिया ही बनाते है। उन्होंने कहा कि जिला पंचायत के माध्यम से स्वरोजगार के क्षेत्र में भी उनके द्वारा कार्य किया गया है। उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत बरम के राजकीय इंटर कॉलेज बरम, ग्राम पंचायत फाफा के राजकीय इंटर कॉलेज उच्छैती, ग्राम पंचायत होकरा के राजकीय इंटर कॉलेज होकरा में सामुदायिक पुस्तकालय का संचालन किया जाएगा। इसके लिए प्रत्येक पुस्तकालय के लिए 5-5 लाख की धनराशि स्वीकृत की गई है। उन्होंने बताया कि कार्यदायी संस्था जिला पंचायत ने इसके लिए निविदा भी आमंत्रित कर ली है।उन्होंने कहा कि आंगल नव वर्ष 2025 से पूर्व इस क्षेत्र के विद्यार्थियों को तीन पुस्तकालयों का तोहफा मिल जाएगा।
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त्याग पत्र को करें स्वीकार
पिथौरागढ़ के जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने कहा कि वह अपने त्यागपत्र देने पर अभी भी कायम है। उन्होंने अपना त्यागपत्र तत्काल स्वीकार करने की मांग की। उन्होंने कहा कि उनके प्रस्ताव के साथ अन्याय किया गया है। वे इस अन्याय के खिलाफ लड़ाई को आगे भी लड़ते रहेंगे।उन्होंने कहा कि सामुदायिक पुस्तकालय के प्रस्ताव पर अमल नहीं किया गया है। कहा कि हम फर्जी खड़ंजो के प्रस्ताव नहीं देते है।इसलिए जिला पंचायत सदस्य नहीं रहना चाहते है। उन्होंने कहा कि एक ही विकासखंड में 5 वर्षों से सर्वाधिक बजट खर्च किया जा रहा है।यह अन्य सात विकास खंडो के साथ घोर अन्याय है। अन्य सदस्यों की चुप्पी पर कहा कि उनकी जनता उन्हें कभी भी माफ नहीं करेगी।