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देवीधुरा:बाराही धाम में प्रस्तावित दिव्य एवं भव्य मंदिर के डिजाइन पर बनी आम सहमति। उत्तर भारत का ऐसा अद्भुत मंदिर बनेगा जिसमें कई शैलियां का किया गया है समावेश। 

रिर्पोट:लक्ष्मण बिष्ट

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बाराही धाम में प्रस्तावित दिव्य एवं भव्य मंदिर के डिजाइन पर बनी आम सहमति।उत्तर भारत का ऐसा अद्भुत मंदिर बनेगा जिसमें कई शैलियां का किया गया है समावेश।

देवीधुरा। बाराही धाम में बनने वाले मां बज्र बाराही के नए मंदिर के स्वरूप को अंतिम रूप देने के साथ अब यहां शीघ्र भव्य व दिव्य मंदिर बनने के द्वार खुल गए हैं। मालूम हो कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा बाराही धाम को मानसखंड माला में शामिल किया गया था। जिसमें पर्यटन विभाग द्वारा मंदिर का जो स्वरूप तैयार किया गया था उसमें विद्वानों, वास्तुकारों एवं चार खाम सात तोको के अलावा पडतीदार गांवों के लोगों की इस बात पर असहमति थी कि इसकी वास्तुकला में देवभूम के शिल्प का समावेश नहीं किया गया है। इसे देखते हुए श्रीबाराही शक्तिपीठ ट्रस्ट के लोगों ने ट्रस्ट के विद्वान अध्यक्ष सनातन धर्म के ध्वजवाहक कई धार्मिक पुस्तकों के लेखक एवं वर्तमान में रेलवे कॉरिडोर के निदेशक हीरा बल्लभ जोशी को मंदिर के नए स्वरूप बनाने का दायित्व सौंपा गया था। श्री जोशी ने 70 मीटर ऊंचे इस मंदिर का डिजाइन देश के ख्याति प्राप्त आर्किटेक्टों की देखरेख में देवभूमि एवं पिरामिड गुम्बद शैली के अलावा नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर कि शैली में नए मंदिर का ऐसा डिज़ाइन तैयार किया गया है जो उत्तर भारत का ऐसा भव्य व दिव्य मंदिर होगा जिसमें भगवान भास्कर अपनी पहली किरण से मां बज्र बाराही का अभिषेक करेंगे। हालांकि श्री मां बज्र बाराही के दक्षिण भारत में ही बिरले मंदिर है तथा उत्तर भारत का यह विशिष्ट शैली का ऐसा मंदिर होगा जिसकी परिकल्पना शंकराचार्य जी के अलावा डोल आश्रम के संस्थापक स्वामी कल्याण दास जी महाराज समेत कई अन्य दिव्य आत्माओं द्वारा की गई है। शनिवार को बाराही धाम में श्रीबारही शक्तिपीठ ट्रस्ट की बैठक में आम सहमति के आधार पर प्रस्ताव तैयार कर जिलाधिकारी को मंदिर का नया डिजाइन प्रस्तुत करते हुए उन्हें ज्ञापन दिया गया। ज्ञापन में कहा गया है कि पूर्व प्रस्तावित मंदिर के डिजाइन के स्थान पर नया डिज़ाइन तैयार किया गया है। जिसका पहले मंदिर कमेटी द्वारा ही निर्माण किए जाने की इच्छा जाहिर की गई थी। जो अब संभव नहीं हो पा रहा है। ज्ञापन में कहा गया है कि ट्रस्ट के सम्मुख वित्तीय चिंतन होने के कारण मंदिर का निर्माण मंदिर माला खंड के तहत ही सरकारी तौर पर किया जाए। मंदिर परिसर में हुई बैठक में मुख्य संरक्षक लक्ष्मण सिंह लमगड़िया, ट्रस्टी नरेंद्र सिंह लड़वाल, दिनेश जोशी, मंदिर कमेटी के अध्यक्ष मोहन सिंह बिष्ट, हयात सिंह बिष्ट, बिशन सिंह चम्याल, राजेश बिष्ट, ग्राम प्रधान ईश्वर सिंह बिष्ट, तारा सिंह चम्याल, गोपाल पंन्तोला, हरीश पांडे, चंदन बिष्ट, रतन सिंह, मोहन सिंह रावत आदि का कहना था कि जिला प्रशासन द्वारा बाराही धाम के विकास में आने वाली अड़चनों को लगातार दूर किए जाने से मंदिर सहित मानस माला के तहत होने वाले सभी कार्यों मैं तेजी आती जा रही है। जिसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व जिलाधिकारी के प्रति आभार व्यक्त किया।

 

 

 


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