Wednesday 15th of October 2025

ब्रेकिंग

लोहाघाट:त्योहारी सीजन में हो रही विद्युत कटौती से भड़के व्यापारी आंदोलन की दी चेतावनी।

चंपावत:सीएम धामी के मां पूर्णागिरी बीएड व नर्सिंग कॉलेज पहुंचने पर फूल मालाओं के साथ हुआ भव्य स्वागत

लोहाघाट:सर्प दंश से महिला गंभीर उप जिला चिकित्सालय में चल रहा उपचार। सड़क न होने से 2 किलोमीटर पैदल चल सड़क तक लाए

बाराकोट:रेगडू शिव मंदिर के महंत काशीनाथ का 94 वर्ष की आयु में निधन। क्षेत्र में शोक की लहर

अटल उत्कृष्ट जीआईसी बाराकोट में शिक्षक बने छात्र। छात्र नजर आए शिक्षक की भूमिका में ।

रिपोर्ट:लक्ष्मण बिष्ट 👹👹 : उत्तराखंड:अंकिता भंडारी हत्या केस में तीनो दोषियों को उम्र क़ैद, मां-बाप बोले, 'अधूरा न्याय मिला'

Laxman Singh Bisht

Fri, May 30, 2025

अंकिता भंडारी मामले मे आए फैसले से जनता नाराज विरोध प्रदर्शन।हत्या के लगभग तीन साल बाद कोर्ट का फ़ैसला आया हैउत्तराखंड के बहुत चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में पौड़ी गढ़वाल की ज़िला अदालत ने आज 30 मई शुक्रवार को फै़सला सुनाया ।कोर्ट ने मुख्य अभियुक्त पुलकित आर्य के साथ दो अन्य अभियुक्त सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को हत्या, साक्ष्य मिटाने, अनैतिक देह व्यापार और छेड़खानी के मामले में दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई है. साथ ही कोर्ट ने आदेश दिया कि अंकिता के परिवार को चार लाख रुपए का मुआवज़ा दिया जाए।मुख्य अभियुक्त, पुलकित आर्य भारतीय जनता पार्टी के नेता रहे और पूर्व राज्यमंत्री विनोद आर्य का बेटा हैं।मुख्य अभियुक्त पुलकित आर्य को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 के तहत उम्र कै़द और 50 हज़ार रुपए का जुर्माना लगाया गया है. इसके अलावा साक्ष्य नष्ट करने (धारा 201) के लिए पांच साल, यौन उत्पीड़न (धारा 354 ए ) में दो साल और अनैतिक देह व्यापार (निवारण) अधिनियम की धारा 3(1)(ए) में पांच साल की सज़ा और जुर्माना लगाया गया है।अन्य दो अभियुक्तों सौरभ और अंकित को भी समान धाराओं में सज़ा दी गई है।अदालत के फैसले पर अंकिता की माँ सोनी देवी ने कहां उनकी बेटी के हत्यारे को फांसी की सजा मिलती तब जाकर उनकी बेटी की आत्मा को शांति मिलती।मुख्य अभियुक्त पुलकित आर्य के पिता विनोद आर्य बीजेपी में प्रभावशाली चेहरा माने जाते थे. घटना के बाद पार्टी ने विनोद आर्य को निकाल दिया था।भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) के राज्य सचिव इन्द्रेश मैखुरी ने कहा, "अंकिता भंडारी हत्याकांड में न्याय का एक चरण पूरा हुआ क्योंकि न्याय पाने की इस लड़ाई को हत्यारे करार दिये गए रसूखदार ऊपरी अदालत में जाकर मामले को अपने पक्ष में करने की कोशिश करेंगे"।हत्यारों को सजा होना न्याय की जीत है, लेकिन इस मामले में जिस वीआईपी का जिक्र शुरू से होता रहा, उसको कानून के कठघरे में न ला पाना उत्तराखंड सरकार और पुलिस की नाकामी है."भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट ने अदालत के इस फ़ैसले को 'देवभूमि की बेटी के लिए न्याय' बताया है।उन्होंने कहा कि 'जांच एजेंसियों की ठोस कार्रवाई और अभियोजन पक्ष की मज़बूत पैरवी के चलते न्याय सुनिश्चित हो सका. अब राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर भी इस गंभीर मामले के प्रति संवेदनशील और ज़िम्मेदार प्रतिक्रिया देना ज़रूरी है."

अंकिता भंडारी के परिजन ने मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी, लेकिन राज्य सरकार और बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इस मांग को ख़ारिज कर दिया था. राज्य सरकार ने जांच की ज़िम्मेदारी राज्य पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) के पास ही रखी।एसआईटी ने अदालत में 500 से अधिक पन्नों की चार्जशीट दाख़िल की, जिसमें 97 गवाहों को नामित किया गया था. अभियोजन पक्ष की ओर से अधिवक्ता अवनीश नेगी ने 47 गवाहों को अदालत में पेश किया।कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने कोर्ट के फै़सले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।करण माहरा का कहना है कि "यह निर्णय न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण क़दम है और निश्चित रूप से अंकिता को आंशिक न्याय दिलाता है. अब भी कई गंभीर सवालों का जवाब धामी सरकार को देना होगा."उन्होंने कहा कि "न्यायालय ने दोषियों को सज़ा दी है, लेकिन यह पूर्ण न्याय नहीं है. आज भी यह स्पष्ट नहीं है कि किन वीआईपी व्यक्तियों को बचाने के लिए प्रदेश सरकार ने प्रयास किए. रिसॉर्ट में आग लगाकर सबूत नष्ट करने वालों पर अब तक क्या कार्रवाई हुई है?"अंकिता भंडारी हत्याकांड को लेकर शुरु से ही मामले को दबाने की कोशिश के आरोप लगते रहे हैं. हत्या के अगले दिन देर रात, वनंतरा रिसॉर्ट पर बुलडोज़र चलाया गया. इस कार्रवाई पर विपक्ष ने कई अहम सबूत नष्ट होने के साथ अभियुक्तों को बचाने के आरोप लगाए थे. हालांकि, सत्ता पक्ष की तरफ़ से इन आरोपों का खंडन किया गया था। वहीं अदालत के फैसले पर जनता भड़क गईं । अंकिता के हत्यारे को फांसी की सजा की मांग करते हुए काफी देर हंगामा काटा। भीड़ को शांत करने के लिए पुलिस को वाटर कैनन का प्रयोग करना पड़ा।

जरूरी खबरें