परेवा में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में भक्तों का उमड़ा सैलाब
चम्पावत जिले के रीठा के परेवा गांव में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में कथा ब्यास श्री बालकिशन पूरन चंद्र पांडेय ने कहा कि पृथ्वी पर जब-जब भी आसुरी शक्ति हावी हुईं, परमात्मा ने धर्म की रक्षा के लिए अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना की। मथुरा में राजा कंस के अत्याचारों से व्यथित होकर धरती की करुण पुकार सुनकर नारायण ने कृष्ण रुप में देवकी के अष्टम पुत्र के रूप में जन्म लिया और धर्म और प्रजा की रक्षा कर कंस का अंत किया। यह बात बैज गांव में चल रही सात दिवसीय श्रीमद् भागवत के चौथे दिन भगवान श्रीकृष्ण जन्म का प्रसंग सुनाते हुए पंडित पूरन चन्द्र पाण्डेय ने श्रद्धालुओं के बीच कही।
कथा आयोजन परेवा गांव की ओर से आयोजित श्रीमद्भागवत रीठा साहिब के परेवा गांव में आयोजित की जा रही है। भागवत के विभिन्न प्रसंगों का वर्णन करते हुए चौथे दिवस पंडित प्रकाश पाण्डेय ने भगवान श्री कृष्ण के जन्म की कथा का वर्णन किया। इसके पूर्व पं. पाण्डेय ने कहा कि जीवन में भागवत कथा सुनने का सौभाग्य मिलना बड़ा दुर्लभ है। जब भी हमें यह सुअवसर मिले, इसका सदुपयोग करना चाहिए। कथा सुनते हुए उसी के अनुसार कार्य करें। कथा का सुनना तभी सार्थक होगा। जब उसके बताए हुए मार्ग पर चलकर परमार्थ का काम करें।उन्होंने रामकथा का संक्षिप्त में चवर्णन करते हुए कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने धरती को राक्षसों से मुक्त करने के लिए अवतार धारण किया। कथा में कृष्ण जन्म का वर्णन होने पर समूचा पांडाल खुशी से झूम उठा। मौजूद श्रद्धालु भगवान कृष्ण के जै – जैकार के साथ झूमकर कृष्ण जन्म की खुशियां मनाई। कथा सुनने परेवा के साथ साथ आसपास गांवों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हो रहे हैं।कथा यजमान- गजेन्द्र परवाल, आचार्य भूपेश जोशी,कमल जोशी ,उमेश जोशी के साथ पूरे गांव के सदस्यों के द्वारा सहयोग किया जा रहा हैपरेवा में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में भक्तों का उमड़ा सैलाब