लोहाघाट : रिशेश्वर प्रबंधन समिति के दीवान सिंह ढेक बने अध्यक्ष एक सितंबर से ऋषेश्वर मंदिर में समिति करायेगी भागवत कथा बैठक में लिया गया निर्णय
रिर्पोट:लक्ष्मण बिष्ट
लोहाघाट नगर के ऋषेश्वर मंदिर में भागवत कथा के आयोजन को लेकर ऋषेश्वर प्रबंधन समिति ने बैठक का आयोजन किया। बैठक में एक सितंबर से मंदिर में कथा करने का निर्णय लिया। इस दौरान बारह गांव और नगर मंदिर समिति ने सर्वसम्मति से दिवान सिंह ढेक को ऋषेश्वर प्रबंधन समिति का कार्यकारी अध्यक्ष और राजू पुनेठा को महासचिव चुना।रविवार को रामलीला मैदान में समिति के अध्यक्ष प्रहलाद सिंह मेहता की अध्यक्षता और सचिव प्रकाश राय के संचालन में बैठक का आयोजन किया गया।
बैठक में न्यायालय की ओर से दिए गए फैसले को एडवोकेट गिरीश राय ने सुनाया। बैठक में बारह गांव और नगर मंदिर समिति ने सर्वसम्मति से निर्णय लेकर देवडांगर दिवान सिंह ढेक को कार्यकारी अध्यक्ष और राजू पुनेठा उर्फ राजू भैय्या को महासचिव चुना गया। नई कार्यकारिणी के अध्यक्ष ढेक की ओर से समिति ने निर्णय लिया कि एक सितंबर से ऋषेश्वर मंदिर में पूर्व की तरह भागवत कथा होगी। जिसमें बारह गांव नगर मंदिर समिति के अलावा नगर पालिका भी सहयोग करेगी। ढेक ने बताया कि बारह गांव नगर समिति के पुनगर्ठन को लेकर वह गांव-गांव संपर्क करेंगे। अंत में निर्णय लिया कि वह आयोजन के लिए 22 अगस्त को डीएम से मुलाकात करेंगे। इससे पहले पुलिस शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए मंदिर में पुलिस का तगड़ा बंदोबस्त किया था। हालांकि बाद में उसे हटा दिया। मालूम हो रिशेश्वर मंदिर के बाबा मोहनानंद तीर्थ के द्वारा भी एक सितंबर से भागवत कथा के आयोजन की तैयारी करी गई है फिलहाल भागवत कथा को लेकर विवाद की स्थिति बनती नजर आ रही है अब यह तो आने वाला वक्त ही तय करेगा कि भागवत कथा का आयोजन बाबा मोहनानंद तीर्थ कराते हैं या रिशेश्वर प्रबंधन समिति फिलहाल पूरे लोहाघाट क्षेत्र की नजरे मामले में अटकी हुई है
बैठक में सीओ विपिन चन्द्र पंत, तहसीलदार विजय गोस्वामी, एसओ मनीष खत्री, एसआई हरीश प्रसाद, नगर मंदिर समिति अध्यक्ष कैलाश बगौली, सुरेन्द्र सिंह ढेक, भुवन बिष्ट, राजू गड़कोटी, पॅ. प्रकाश चन्द्र पुनेठा, सचिन जोशी, दिनेश सिंह ढेक, महेश सुतेड़ी, नवीन ढेक, गिरीश सिंह, रामू ढेक, प्रकाश लाल साह, विनोद सिंह करायत, गिरीश ढेक, कैलाश मेहता, पूरन उप्रेती, सोनू बिष्ट,संजय फत्र्याल, निर्मला अधिकारी, सरोज पुनेठा, रेनू गड़कोटी आदि मौजूद रहीं।