चंपावत:विभाग योजनाओं के लिए अवमुक्त धनराशि के वित्तीय वर्ष के अंत में खर्च करने की प्रवृत्ति व मानसिकता को बदले: डीएम चंपावत
रिर्पोट:लक्ष्मण बिष्ट
प्रत्येक अधिकारी की जिम्मेदारी है कि उन्हें जिस मद व उद्देश्य हेतु धनराशि विभाग को प्राप्त हुई है उसी मद व उद्देश्य में धनराशि का पूर्ण प्रयोग हो तथा जनता को उसका पूर्ण लाभ प्राप्त हो।
जिलाधिकारी नवनीत पांडे ने विभिन्न विभागों को आवंटित जिला योजना, राज्य और केंद्र पोषित योजना तथा बाह्य सहायतित योजना के तहत आवंटित धनराशि और उसके सापेक्ष व्यय धनराशि की प्रगति तथा माननीय मुख्यमंत्री घोषणा की समीक्षा कर जिला स्तरीय अधिकारियों को निर्देश दिये कि जनहित की योजनाओं को प्रथमिकता के आधार गुणवत्ता पूर्ण कार्य करें।जिला कार्यालय सभागार में हुई बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी ने सभी विभागीय अधिकारियों से अवमुक्त धनराशि को समय पर व्यय करने को कहा। जिलाधिकारी ने विभागों को योजनाओं के लिए अवमुक्त धनराशि के वित्तीय वर्ष के अंत में खर्च करने की प्रवृत्ति व मानसिकता को बदलने को कहा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक अधिकारी की जिम्मेदारी है कि उन्हें जिस मद व उद्देश्य हेतु धनराशि विभाग को प्राप्त हुई है उसी मद व उद्देश्य में धनराशि का पूर्ण प्रयोग हो तथा जनता को उसका पूर्ण लाभ प्राप्त हो। उन्होंने कहा कि अधिकारी योजना व कार्य स्थल का समय-समय पर स्थलीय निरीक्षण करना भी सुनिश्चित करें, साथ ही धनराशि समय से खर्च हो इस हेतु कार्य योजना तैयार करते हुए कार्यों में पूर्ण गुणवत्ता, मितव्ययता व समयबद्धता का विशेष ध्यान रखा जाए
साथ ही पारदर्शिता, उत्तरदायित्व एवं संवेदनशीलता के साथ योजनाओं का ससमय तथा सफल क्रियान्वयन करें। सभी विभाग आपसी समन्वय से कार्य करें। उन्होंने कहा कि सरकारी धन का किसी हाल में दुरुपयोग ना हो यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। समीक्षा के दौरान लोनिवि, पर्यटन, जल संस्थान, लघु सिंचाई, पंचायती राज,शिक्षा विभाग व वन विभाग आदि विभागों को मानकों के अनुरुप कार्य कर आवंटित धनराशि को समय पर खर्च करने के कड़े निर्देश दिए। उन्होंने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए अनुमोदित व्यय व शासन से अवमुक्त धनराशि के सापेक्ष खर्च की समीक्षा की। बताया कि जिले में जिला योजना के लिए स्वीकृत 5836.10 लाख की धनराशि के सापेक्ष विभागों को प्रथम किस्त 4007.18 लाख की धनराशि अवमुक्त हो गई है। जिसके सापेक्ष विभिन्न विभागों द्वारा 1102.57 लाख की धनराशि खर्च की है। जिलाधिकारी ने अधिकारियों को धन का सदुपयोग करने और प्राप्त मद में ही उसे व्यय करने के निर्देश दिए।जिलाधिकारी ने कहा की मुख्यमंत्री की आदर्श जनपद चंपावत की परिकल्पना को साकार करने हेतु विभिन्न विभागों में अभिनव प्रयास करें। ताकि मा0 मुख्यमंत्री जी की आदर्श जनपद चंपावत की मंशा को मूर्त रूप मिले। उन्होंने भेषज विभाग की समीक्षा करते हुए कहा की भेषज विभाग जनपद की महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से नर्सरी में पौध तैयार कराए। जिससे जनपद की समूहों की महिलाओं को भी रोजगार प्राप्त होगा। बैठक में मुख्यमंत्री घोषणा की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन विभागों की मुख्यमंत्री घोषणा जनपद स्तर पर लंबित पड़ी हैं वह इस माह के अंत तक उनके प्रस्ताव तैयार करते हुए शासन को प्रेषित करें साथ ही शासन स्तर पर लंबित घोषणा की शीघ्र स्वीकृति हेतु अनुस्मारक पत्र प्रेषित करते हुए स्वीकृति हेतु व्यक्तिगत पहल करें। जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि मुख्यमंत्री की घोषणाओं को उच्च प्राथमिकता में लेते हुए उनसे संबंधित विकास कार्यों को बेहतर गुणवत्ता और पारदर्शिता से संपादित करना सुनिश्चित करें। साथ ही उन्होंने कहा की जो मा0 मुख्यमंत्री घोषणा शासन स्तर से लंबित है उस हेतु शासन को पत्र प्रेषित करें। जनपद में जहां जहां आपदा से नुकसान हुआ है वहा तत्काल गुणवत्ता युक्त कार्य प्रारंभ कराए।
बैठक में अवगत कराया गया कि माननीय मुख्यमंत्री घोषणा अंतर्गत कुल 240 घोषणाओं में से 150 घोषणाऐं पूर्ण हो गई है। जनपद स्तर पर कुल 17 घोषणाएं लंबित है। जिसमें लोक निर्माण विभाग की एक घोषणा, शहरी विकास की पांच, पर्यटन विभाग, सिंचाई खंड व पेयजल निगम की दो – दो, क्रीडा विभाग, युवा कल्याण,आवास विकास, समाज कल्याण, पंचायती राज विभाग की एक-एक घोषणाएं जनपद स्तर से लंबी थे जिलाधिकारी ने उक्त सभी विभागों को जनपद स्तर पर से लंबित घोषणाओं में शीघ्र अति शीघ्र कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इस मौके पर प्रभागीय वनाधिकारी आरसी कांडपाल, सीडीओ संजय कुमार सिंह, मुख्य शिक्षा अधिकारी मेहरबान सिंह बिष्ट, ईई लघु सिंचाई प्रशांत कुमार वर्मा, जिला विकास अधिकारी दिनेश सिंह दिगारी, जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी दीप्तकीर्ति तिवारी, सहायक परियोजना निदेशक विमी जोशी, जिला पंचायत राज अधिकारी रामपाल सिंह, जिला सेवायोजन आधिकारी एसके पंत सहित अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।