उत्तराखंडपेयजल

लोहाघाट के राजकीय पॉलिटेक्निक में समलसेबल पंप खराब होने से पेयजल संकट गहराया संस्थान के प्राचार्य ने जल संस्थान से समस्या के समाधान की मांग करी

रिपोर्ट लक्ष्मण बिष्ट

Kali Kumaun Khabar

 

लोहाघाट के छमनिया चौड़ स्थित राजकीय पॉलिटेक्निक में समरसिबल पम्प खराब होने से संस्थान में पेयजल संकट गहराने लगा है। समस्या को लेकर प्रभारी प्राचार्य गोविंद बल्लभ थुवाल ने जल संस्थान के अधिशासी अभियंता को पत्र भेजा है।कहा कि संस्था के लिए बनी शंखपाल पेयजल योजना वर्ष 2016 में आपदा के कारण ध्वस्त हो गई थी। जिस कारण पेयजल समस्या को लेकर महिला व पुरुष छात्रावासों को खाली करा दिया गया था।

पेयजल समस्या को देखते हुए पालीटेक्निक संस्थान ने जल संस्थान के माध्यम से 425 फीट के दो पारंपरिक बिजली चालित समरसिबल पम्प लगाएं गए थे। जिसमें एक पम्प सुचारू रूप से कार्य कर रहा है तथा दूसरे पम्प से आयरन युक्त पानी आ रहा है। तथा कभी चलता है कभी बंद हो जाता है। ‌वही पालीटेक्निक संस्थान में जल संस्थान के द्वारा वर्ष 2017 में लगाए गए सोलर हैंड पम्प तथा बिजली चालित समरसिबल पम्प से जलापूर्ति की जा रही है। सत्र 2023-24 से संस्थान में मैकेनिकल इंजीनियरिंग पाठयक्रम संचालित किया जाना है

और एक बालिका छात्रावास को भी संचालित किया जाना है जिससे संस्थान मे जल की आवश्यकता बढ़ रही है।इधर जल संस्थान के अवर अभियंता पवन बिष्ट ने बताया कि अभी पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। इस कार्य में जल संस्थान की देख रेख नहीं होती है फिर भी समस्या का समाधान कर लिया जाएगा।


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