उत्तराखंड

लोहाघाट के युवक को बंधक बनाकर हिमाचल में कराई गई नसा तस्करी कूड़ा कचरा उठाने का करवाया गया कार्य युवक ने खोया मानसिक संतुलन

रिर्पोट: लक्ष्मण बिष्ट

Kali Kumaun Khabar

लोहाघाट के युवक को बंधक बनाकर हिमाचल में कराई गई नसा तस्करी कूड़ा कचरा उठाने का करवाया गया कार्य युवक ने खोया मानसिक संतुलन

मंडी (हिमाचल प्रदेश) मे उत्तराखंड के चंपावत जिले के लोहाघाट के मडलक निवासी एक युवक को सफाई ठेकेदारों ने करीब डेढ़ वर्ष तक बंधक बनाकर उससे हिमाचल, पंजाब व चंडीगढ़ के नगर निकायों में कूड़ा-कचरा एकत्रित करवाया गया। तथा उससे भांग व चिट्टा बेचने का काम भी करवाते रहे। मजदूरी की एवज में उसे मात्र दो समय का खाना दिया जाता था। रात वह धर्मशाला व बस स्टैंड आदि में सोकर गुजारता था। इस कारण युवक का मानसिक संतुलन बिगड़ गया था। दस सितंबर को जब युवक की मानसिक स्थिति में कुछ सुधार आया तो उसने अपने किसी रिश्तेदार को एक मोबाइल फोन नंबर से काल की। इसके बाद हरकत में आए रिश्तेदारों ने मोबाइल लोकेशन का पता लगाया। शुक्रवार को कुल्लू जिले के भुंतर से युवक को पुलिस की मदद से रेस्क्यू कर उसे घर ले गए। इस मामले में मंडी निवासी एक महिला व उसके पति की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है।

दैनिक जागरण की खबर के अनुसार उत्तराखंड के चम्पावत जिले की लोहाघाट तहसील के चामा (मडलक) का रहने वाला मुकेश सिंह पुत्र जोगा सिंह पंजाब के मुल्लांपुर में एक बेकरी में काम करता था। 23 अप्रैल 2023 को अपने तीन अन्य साथियों के साथ मुल्लांपुर से राजस्थान जाने के लिए रवाना हुआ था। उसने चंडीगढ़ से ट्रेन ली थी और स्वजन को इस बात की जानकारी दी थी। राजस्थान पहुंचने से पहले मुकेश व उसके अन्य साथी ट्रेन से गायब हो गए थे। परिजन उससे संपर्क करने की कोशिश करते रहे लेकिन मोबाइल फोन बंद मिला। किसी गिरोह ने तीनों को अगवा कर लिया। कुछ माह नगर निगम चंडीगढ़ में हर घर से कूड़ा कचरा एकत्र करवाने का काम किया। फिर स्मार्ट सिटी धर्मशाला में काम करवाया। इसके बाद मंडी में और अब भुंतर में काम करवा रहे थे।मुकेश का कॉल आने के बाद परिजन चंदन सिंह, मदन सिंह व नरेश सिंह उसकी तलाश में परवाणू थाना पहुंचे। वहां से बताया गया कि सिम मंडी के भगवाहण मोहल्ले की रहने वाली एक महिला के नाम पंजीकृत है। शुक्रवार को मंडी पहुंचे और पुलिस अधीक्षक साक्षी वर्मा से मदद मांगी। महिला को ढूंढा तो उसने बताया कि मुकेश सिंह नगर पंचायत भुंतर में काम करता है। शहरी पुलिस चौकी ने भुंतर से मुकेश को रेस्क्यू किया। महिला का कहना है कि उसका मोबाइल फोन करीब एक माह पहले गुम हो गया था। फोन मुकेश के पास कैसे पहुंचा, पुलिस इसकी जांच कर रही है। परिजनो को देख मुकेश की जान में जान आई ।


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