केदारनाथ उप चुनाव से पूर्व परीक्षण रिपोर्ट सार्वजनिक करे सरकार उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायतों का कार्यकाल बढ़ाए जाने का मामला संगठन ने सीएम को भेजा खत पुन: सड़को पर उतरने की दी चेतावनी
रिपोर्ट:लक्ष्मण बिष्ट 👹
संगठन ने सीएम को भेजा खत पुन: सड़को पर उतरने की दी चेतावनी
उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायत संगठन ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को शुक्रवार को ज्ञापन भेज कर केदारनाथ उपचुनाव से पूर्व परीक्षण की रिपोर्ट संगठन के प्रतिनिधिमंडल के सम्मुख प्रस्तुत करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि अब संगठन इससे आगे सरकार के रुख का इंतजार नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि सरकार का इरादा नेक है, लेकिन समय पर हर कार्य होना चाहिए।सरकार ने एक माह का आश्वासन दिया था, अब तीन माह का समय बीत गया है। उत्तराखंड में 12 जनपदों में त्रिस्तरीय पंचायत सदस्यों का कार्यकाल प्रशासनिक समिति के माध्यम से दो वर्ष बढ़ाए जाने की मांग 2 वर्ष से उठाई जा रही है।
इस मांग पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक कमेटी का गठन भी किया है। मुख्यमंत्री के आदेश के बाद उत्तराखंड सचिवालय के पंचायती राज अनुभाग एक ने मुख्यमंत्री सचिव विनय शंकर पांडे को परीक्षण की रिपोर्ट भेज दी है।गुरुवार को पिथौरागढ़ जनपद के जौलजीबी में मुख्यमंत्री से संगठन के प्रतिनिधिमंडल ने इस मांग को लेकर घोषणा किए जाने का अनुरोध किया था। मुख्यमंत्री ने कमेटी की रिपोर्ट आने पर सकारात्मक विचार करने का भरोसा दिया है।संगठन के राज्य संयोजक जगत मर्तोलिया ने कहा कि अब संगठन अधिक समय इंतजार नहीं कर सकता है। उन्होंने शुक्रवार को मुख्यमंत्री को ईमेल के माध्यम से पत्र भेज कर कहा कि केदारनाथ उप चुनाव 20 नवंबर से पहले संगठन के प्रतिनिधि मंडल के सम्मुख परीक्षण की रिपोर्ट तथा कमेटी का जो भी डिसीजन है, उसे प्रस्तुत किया जाए। उन्होंने कहा कि अब संगठन और अधिक समय इंतजार नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि एक राष्ट्र एक चुनाव के मोदी जी के विजन को सफल बनाने के लिए राज्य में एक राज्य एक पंचायत चुनाव सरकार को हर हाल में कराना पड़ेगा। हाल में ही मध्य प्रदेश की सरकार ने भी एक राष्ट्र एक चुनाव के क्रम में त्रिस्तरीय पंचायत का कार्यकाल प्रशासनिक कमेटी के माध्यम से बढ़ाए जाने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में भी एक राष्ट्र एक चुनाव के क्रम में इस मार्ग को सरकार को अपनाना होगा।उन्होंने कहा कि 20 नवंबर से पूर्व अगर परीक्षण की रिपोर्ट संगठन के समझ रखने की तिथि तय नहीं हुई तो संगठन को राज्य सरकार के खिलाफ पुनः सड़कों में उतरना होगा।जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।