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चंपावत:आदर्श चंपावत की पटरी से उतरी स्वास्थ्य व्यवस्थाएं दुर्घटना में घायल पत्रकार को भेजा गया निज चिकित्सालय रेफर केंद्र बना लोहाघाट उप जिला चिकित्सालय विशेषज्ञ डॉक्टरों की भारी कमी

रिपोर्ट:लक्ष्मण बिष्ट 👹

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आदर्श चंपावत की पटरी से उतरी स्वास्थ्य व्यवस्थाएं दुर्घटना में घायल पत्रकार को भेजा गया निज चिकित्सालय रेफर केंद्र बना लोहाघाट उप जिला चिकित्सालय विशेषज्ञ डॉक्टरों की भारी कमी

आदर्श चंपावत जिले की स्वास्थ्य व्यवस्थाए पटरी से उतर चुकी है 14 नवंबर को बाइक दुर्घटना में घायल हुए राष्ट्रीय सहारा के पत्रकार ललित मोहन जोशी को लोहाघाट उप जिला चिकित्सालय में एक्स-रे करने तक की सुविधा नहीं मिली इमरजेंसी ड्यूटी में तैनात कर्मियों के द्वारा उन्हें निजी चिकित्सालय में एक्स-रे करने का सुझाव दिया गया यहां तक कि उन्हें अस्पताल में भर्ती तक नहीं किया गया अस्पताल स्टाफ के द्वारा हड्डी रोग विशेषज्ञ ना होने का हवाला देखकर उनके इलाज में असमर्थता जताई गई दर्द से कराहते हुए पत्रकार ने लोहाघाट के एक निजी चिकित्सालय में अपना एक्स-रे करवाया 15 नवंबर को घायल पत्रकार जोशी जिला चिकित्सालय चंपावत पहुंचे जहां अवकाश होने से उन्हें इमरजेंसी में देखा गया लेकिन एक्स-रे के लिए उन्हें यहां भी निजी अस्पताल भेज दिया गया दोनों अस्पताल में उपचार न मिलने पर जोशी ने लोहाघाट के निजी अस्पताल में तीन और एक्स-रे कराने के बाद कच्चा प्लास्टर करवाया वही लोहाघाट उप जिला चिकित्सालय की चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर सोनाली मंडल ने बताया अस्पताल में बाहर से एक्स-रे करने के लिए नहीं कहा जाता है इमरजेंसी केस में एक्स-रे टेक्नीशियन को बुलाकर एक्स-रे करवाया जाता है इस मामले में ऐसा क्यों हुआ शिकायत मिलने पर इसकी जांच की जाएगी डॉक्टर मंडल ने बताया लोहाघाट उप जिला चिकित्सालय में डॉक्टर के 21 पद स्वीकृत हैं जिनमें से 13 डॉक्टर अस्पताल में तैनात है विशेषज्ञ डॉक्टर के अधिकांश पर खाली पड़े हुए अस्पताल में जनरल सर्जन, फिजिशियन, ईएनटी, हड्डी रोग गाइनोकोलॉजिस्ट व बालरोग विशेषज्ञ के पद खाली चल रहे हैं मालूम हो चंपावत जिले के अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरो के न होने से हजारों की आबादी इलाज के लिए इधर-उधर भटकने को मजबूर है सीमांत जिले के हर ब्लॉक में दूरस्थ क्षेत्र के लोगों को इलाज करने के लिए किलोमीटरो की दौड़ लगानी पड़ती है लेकिन उसके बावजूद भी उन्हें उपचार नहीं मिल पाता जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सकों की भारी कमी के चलते इलाज करने के लिए जनता दर दर भटक रही है लोहाघाट उप जिला चिकित्सालय में हर रोज 200 से 300 लोग इलाज के लिए पहुंचते हैं पर डॉक्टर ना होने से उन्हें बाहर के अस्पतालों की दौड़ लगानी पड़ती है अस्पतालों में डॉक्टरों की कब तक तैनाती होगी इसका स्पष्ट जवाब अधिकारियों के पास भी नहीं है लोहाघाट उप जिला चिकित्सालय में रेडियोलॉजिस्ट होने के बावजूद भी हफ्ते में सिर्फ तीन दिन लोगों को अल्ट्रासाउंड सेवा उपलब्ध हो पा रही है जिले के कई चिकित्सक पीजी करने बाहर गए हुए जिस कारण अस्पतालो की दशा और बदहाल हो चुकी है जिले के अस्पतालों की दशा कब सुधरेगी कुछ नहीं कहा जा सकता है सरकार के द्वारा सिर्फ दावे किए जा रहे हैं पर हकीकत कुछ और


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