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लोहाघाट : ग्राम पाटन पाटनी में ऋषि तर्पण के बाद धारण किए हाथ से घर में तैयार जनेऊ*

रिर्पोट: लक्ष्मण बिष्ट

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*लोहाघाट के ग्राम पाटन पाटनी में ऋषि तर्पण के बाद धारण किए हाथ से घर में तैयार जनेऊ*

लोहाघाट क्षेत्र में रक्षाबंधन के साथ ही ऋषि तर्पण कार्यक्रम आयोजित किए गए।लोहाघाट के ग्राम पाटन पाटनी स्थित कालशन मंदिर में ऋषि तर्पण के बाद लोगों ने नयी जनेऊ को धारण किया स्थानीय शशांक पाण्डेय ने बताया कि श्रावणी पूर्णिमा के मौके पर सनातनी धर्मावलंबियों ने श्रावणी उपाक्रम किया। इस मौके पर वैदिक मंत्रों के बीच ऋषि तर्पण करते हुए नूतन जनेऊ को धारण किया ।पंडित कमल कुलेठा के पौरोहित्य में कालशन मंदिर में आयोजित कार्यक्रम में श्रावणी पूर्णिमा के मौके पर सप्त ऋषियों की विशेष पूजा अर्चना कर उनका तर्पण किया और नए यज्ञोपवीत धारण किए ।

इस अवसर पर लोक परम्पराओं के जानकार पंडित भगवत प्रसाद पाण्डेय ने बताया कि श्रावणी पूर्णिमा को भाई-बहिन के प्यार का प्रतीक रक्षा बंधन तो मनाया ही जाता है इसके साथ साथ यह सनातन परम्परा के अंतर्गत पुरुषों के लिये भी महत्वपूर्ण दिन है। पूरे विधि विधान से पूजा-अर्चना, ऋषि तर्पण, पित्र तर्पण के बाद हाथ से बने जनेऊ को धारण किया जाता है। पण्डित पांडेय ने बताया कि यानी पित्र तर्पण तो हम श्राद्ध,अमावस्य्या को करते ही हैं। ऋषि तर्पण सिर्फ आज ही के दिन किया जाता है। उन्होंने बताया कि वैदिक मंत्रों के बीच गणेश पूजन, मात्रिका पूजन, पूण्य वाचन, कलश स्थापन, रक्षा विधान, नव ग्रह पूजन, सप्त ऋषि पूजा, अभिषेक, तिलक, मंत्र पाठ के साथ ही नए यज्ञोपवीत धारण किए गए।

उन्होंने बताया कि रक्षाबंधन पूर्णिमा के दिन यजुसाम उपाकर्म यानि ऋषि तर्पण होता है। वही इससे पूर्व लोगों द्वारा तुलसी, मिट्टी, गोबर, भस्म से स्नान किया गया। उसके बाद सूर्य को जलधारा दी गई। इस मौक़े पर उमेश चंद्र पाटनी, मुरलीधर पाण्डे,दीपक पाटनी, षष्टिबल्लभ पांडेय, शेखर चंद्र पाटनी, विनय पाटनी, महेश पाटनी,कामेश पाटनी,भुवन पाटनी,दीप पाटनी,चारु पाटनी समेत कई लोग मौजूद रहे।


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