निजी प्रकाशकों की किताबों के नाम पर चंपावत व पिथौरागढ़ में अभिभावकों से लूट
नया शिक्षा सत्र शुरू होने के साथ ही अभिभावकों को कई प्राइवेट स्कूल किताबों के नाम पर मोटी चपत लगा रहे हैं एनसीईआरटी की किताबों की तुलना में निजी प्रकाशकों की किताबें कई गुना अधिक दाम में अभिभावको खरीदने को मजबूर किया जा रहा है सरकार की रोक के बावजूद इस तरह निजी प्रकाशकों की किताबों की खरीदारी पर रोक को लेकर शिक्षा विभाग के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं करी जा रही है चंपावत व पिथौरागढ़ के निजी स्कूलों ने एनसीईआरटी के अलावा सभी कक्षाओं के लिए निजी प्रकाशकों की किताबें भी अतिरिक्त तौर पर मंगवाई जा रही है
और अभिभावकों की जेब काटी जा रही है चंपावत व पिथौरागढ़ में अभिभावक 4 गुना अधिक दाम देकर पाठ्य पुस्तक खरीद रहे हैं जबकि एनसीईआरटी किताब की कीमत ₹65 है तो वहीं निजी प्रकाशक की वहीं किताब₹250 की है रोक के बावजूद प्राइवेट स्कूलों में निजी प्रकाश को किताबें धड़ल्ले से चल रही है वही अभिभावक भी अपने बच्चों की भविष्य की बात का कर इस तरह लग रही चपत पर सार्वजनिक तौर पर बोलने से परहेज कर रहे हैं वही पिथौरागढ़ व चंपावत के जिला शिक्षा अधिकारियों ने कहा स्कूलों में लगाई जा रही किताबों का मूल्य एनसीईआरटी की किताबों के मूल्य से कम होना चाहिए इसको लेकर निर्देश सभी
निजी स्कूलों को जारी किए गए उसके बावजूद अगर अनदेखी करी गई तो जांच कर आवश्यक कार्रवाई करी जाएगी किताबों को लेकर शिक्षा विभाग कब कार्रवाई करेगा लेकिन फिलहाल तो अभिभावकों की जेब कट रही है