उत्तराखंड

लोहाघाट:रिसेश्वर मंदिर के बाबा को कोर्ट ने अपने फैसले में मंदिर परिसर में पूजा पाठ करने की दी अनुमति, बाबा ने सत्य और न्याय की बताया जीत

रिर्पोट: लक्ष्मण बिष्ट

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लगभग पिछले ढाई वर्षो से लोहाघाट के रिसेश्वर मंदिर के बाबा एमके तिवारी उर्फ स्वामी मोहनानंद तीर्थ व प्रहलाद सिंह मेहता के बीच धर्मशाला को लेकर न्यायालय में चल रहे विवाद पर चंपावत न्यायालय के सीनियर सिविल जज हेमंत सिंह राणा ने फैसला सुनाते हुए निम्न आदेश पारित किए हैं विद्वान न्यायाधीश ने अपने फैसले में कहा वादी एम के तिवारी उर्फ स्वामी मोहनानंद का बाद

प्रतिवादी प्रहलाद सिंह मेहता के विरुद्ध स्थाई निषेध आज्ञा के अनुतोष हेतु आज्ञप्त्त किया जाता है तथा प्रतिवादी प्रहलाद सिंह मेहता को स्थाई निषेध आज्ञा आदेश द्वारा निषिद्ध किया जाता है कि वे मंदिर परिसर में किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य न करें तथा प्रश्नगत संपत्ति से वादी को बेदखल ना करें तथा वादी के वाहन को उचित स्थान में जाने की अनुमति प्रदान की जाती है साथ ही एमके तिवारी उर्फ स्वामी मोहनानंद को

उक्त मंदिर परिसर की साफ सफाई वह पूजा पाठआदि नियमानुसार किए जाने की अनुमति दी जाती है वही न्यायालय के इस फैसले पर एम के तिवारी उर्फ स्वामी मोहनानंद ने इसे सत्य व न्याय की जीत बताया है उन्होंने कहा धर्मशाला पर हमेशा से महात्मा रहते आए हैं और आगे भी महात्मा ही रहेंगे स्वामी मोहनानंद ने कहा एक सितंबर से गीता भवन धर्मशाला में भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है

जिसमें डीआईजी दिलीप सिंह कुंवर व विधायक खुशाल सिंह अधिकारी विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे उन्होंने समस्त क्षेत्र की जनता से भागवत कथा को सफल बनाने की अपील करी है स्वामी मोहनानंद ने कहा आज उन्होंने एसपी चंपावत को भागवत कथा में सुरक्षा व्यवस्था बनाने के लिए प्रार्थना पत्र दे दिया है उन्होंने बताया भागवत कथा में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया है


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