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लोहाघाट:पाटन पाटनी में दिनदहाड़े गुलदार ने कुत्ते को उतारा मौत के घाट, लोगों में फैली दहशत। स्थानीय लोगों ने प्रशासन एवं वन विभाग से पिंजरा लगाने की उठायी माँग

रिर्पोट:लक्ष्मण बिष्ट

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पाटन पाटनी में दिनदहाड़े गुलदार ने कुत्ते को उतारा मौत के घाट, लोगों में फैली दहशत। स्थानीय लोगों ने प्रशासन एवं वन विभाग से पिंजरा लगाने की उठायी माँग

कुछ महीने पूर्व ग्राम पाटन पाटनी के कनेड़ा क्षेत्र एवं आईटीबीपी परिसर समेत गलचौड़ा क्षेत्र में ख़ौफ़ का पर्याय बना गुलदार एक बार फिर से देखा गया है।पाटन पाटनी के अमित पांडेय ने जानकारी देते हुए बताया कि सोमवार दोपहर में रोशन कुमार के कुत्ते को गुलदार ने अपना निवाला बना दिया । इस घटना के बाद लोगो में दहशत फैल गई है।वही पाटन के जिम संचालक मनमोहन पाटनी ने बताया कि कुछ दिनों पूर्व झूमाधुरी मोटर मार्ग में उन्होंने एक बड़े गुलदार को सड़क किनारे बैठा हुआ देखा। गाड़ी का हॉर्न बजाने पर गुलदार उत्तराखण्ड परिवहन निगम के वर्कशॉप की ओर भाग गया। गुलदार दिखने के बाद स्थानीय लोगों में ख़ौफ़ बना हुआ है।इसके साथ ही मल्ला पाटन के अतुल कुमार ने बताया कि उन्होंने भी कुछ दिन पहले गुलदार को मल्ला पाटन से चौसाल क्षेत्र को जाते हुए देखा।मालूम हो कुछ महीनों पूर्व भी गुलदार ने इस पूरे क्षेत्र में आतंक फैलाया था।तब लोगो ने शाम और सुबह घूमना तक बंद कर दिया था।पाटन पाटनी के प्रसिद्ध व्यवसायी महेश चंद्र पांडेय ने बताया कि दो दिन पूर्व उनके घर में सुबह के समय गुलदार आँगन में आया था। शोर मचाने पर जैसे तैसे वह भाग गया।स्थानीय शशांक पाण्डेय ने बताया कि पूर्व में जब गुलदार का आतंक जब बहुत अधिक हो गया था तो स्थानीय लोगो की माँग पर वन विभाग ने गुलदार पकड़ने के लिए एक पिंजरा भी लगाया था। हालाँकि तब गुलदार पिंजरे में नहीं आया जिसके बाद पिंजरा हटा लिया गया था और उसके बाद कई महीनों तक गुलदार की कोई मूवमेंट क्षेत्र में नहीं देखी गई।वही गाँव की 90 वर्षीय बुजुर्ग बसंती देवी ने बताया कि आज तक गुलदार यूँ तो कई बार सुबह शाम गाँव में देखा गया है लेकिन उनके याददाश्त में दिन दहाड़े किसी जानवर को शिकार बनाने की यह पहली घटना है।वही आजकल पहाड़ में शीत ऋतु हेतु पशुओं के लिए घास काटकर सुखाने का कार्य भी ज़ोरशोर से चल रहा है।इस घटना के बाद पाटन पाटनी की महिलाओं में भी दहशत फैल चुकी है। गाँव के हेम पाटनी, कमल कुलेठा,विनीत पाटनी,संजय पाटनी, चंद्र शेखर पांडेय,प्रकाश चंद्र,इंद्रा पाटनी, राजेश्वरी पाटनी,प्रकाश पांडेय, मोहन तिवारी,कामेश पाटनी,चारू पाटनी,दीपक पाटनी, चंदू पांडेय,हेम पांडेय,आदि लोगों ने स्थानीय प्रशासन एवं वन विभाग से किसी बड़ी दुर्घटना का इंतज़ार किए बग़ैर क्षेत्र में पिंजरा लगाये जाने की माँग उठायी है।


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