:ढोल नगाड़ों के साथ निकले मां के डोले झूमाधुरी महोत्सव का हुआ समापन हज़ारों श्रद्धालुओं ने लिया आशीर्वाद मां के जयकारों से गूंजी झूमाधुरी की पहाड़ियां
लोहाघाट के ग्राम पाटन पाटनी में चार दिवसीय माँ झूमाधुरी नन्दास्टमी महोत्सव का बुधवार को देवीरथो के निकलने के साथ समापन हो गया। दोपहर बाद ग्राम पाटन पाटनी के पालदेवती मंदिर एवं रायकोट महर /कुंवर के भगवती मंदिर से ढोल नगाड़ों वह मां के जयकारों के साथ देवीरथ निकले हजारों भक्तों ने रस्सो के सहारे मां भगवती के डोलो को कठिन रास्तों एवं दुर्गम पहाड़ी को पार करते हुए माँ झूमाधुरी मंदिर तक पहुंचाया गया देवी रथो के पीछे महिलाएं मां के जयकारे लगाते हुए चल रही थी
मां झूमाधुरी मंदिर पहुंचने पर देवीरथ द्वारा मंदिर की परिक्रमा की गई। देव डाँगरों द्वारा सभी भक्तों को आशीर्वाद दिया गया। खाल नामक स्थान में देवीरथ पहुँचने पर डॉंगरों को गाल खिलाई गई। पाटन पाटनी के डोले में मां भगवती के रूप में उमेश चन्द्र पाटनी एवं धन सिंह पाटनी विराजमान थे तो वही राईकोट के डोले में मां भगवती के रूप में दान सिंह महर एवं मां महाकाली के रूप में राधा महर सवार थी
वही मेले की पहली रात झूमाधुरी मंदिर मे भंडारे का आयोजन किया गया जिसमे हज़ारों लोगो ने प्रसाद ग्रहण किया एवं महिलाओं ने रात भर भजन कीर्तन का गायन किया वहीं निसंतान महिलाओं ने संतान प्राप्ति के लिए मां झूमा से आशीर्वाद मांगा मान्यता के अनुसार मां झूमा के आशीर्वाद से निसंतान महिलाओं को संतान की प्राप्ति होती है । महोत्सव में विशाल मेले का आयोजन हुआ
मेले में हल्द्वानी,रूद्रपुर, पीलीभीत,बरेली, राजस्थान से कई व्यापारियों ने अपनी दुकानें सजायी हुई थी। मेले में लोगों ने जमकर खरीदारी करते हुए मेले का भरपूर आनंद उठाया मौसम साफ़ होने के कारण हज़ारों रुपये का कारोबार किया जिससे व्यापारियों के चेहरे में भी ख़ुशी नज़र आयी। मेले में सुरक्षा व्यवस्था के लिए सीओ वंदना वर्मा के नेतृत्व में पुलिस की पर्याप्त व्यवस्था नज़र आयी जिससे गाड़ियों की आवाजाही एवं शांति व्यवस्था बनाए रखने में काफ़ी मदद मिली। मेले में सामाजिक कार्यकर्ता नवीन कार्की , सचिन जोशी वह अन्य लोगों के द्वारा जगह जगह निःशुल्क प्याऊ की व्यवस्था की गई थी
जिससे लोगों को काफ़ी राहत मिली।मेला शांतिपूर्वक संपन्न होने पर महोत्सव कमेटी अध्यक्ष मोहन पाटनी ने क्षेत्रीय जनता पुलिस व प्रशासन का आभार प्रकट किया।मेले को शांतिपूर्वक संपन्न करवाने में प्रकाश बोहरा, शशांक पांडेय, पप्पू बोहरा, सुभाष राम, राजेंद्र पाटनी,कमल कुलेठा, महेंद्र कुंवर, प्रदीप कुंवर, हेम पाटनी, गिरीश राम,
मदन बोहरा,हरीश महर, मदन विश्वकर्मा, गिरीश कुंवर, बसंत विश्वकर्मा, गिरीश महर, प्रकाश चंद्रा, रजत पांडेय, बृजेश विश्वकर्मा, पंकज बोहरा, जगदीश पाटनी,सुंदर नाथ, प्रमोद पाटनी,रमेश पाटनी, हेम पांडेय, राजेंद्र कुमार, विनीत पाटनी, कामेश पाटनी,हरीश पाटनी समेत सैंकड़ों लोगों ने अपना विशेष सहयोग दिया।