उत्तराखंड

लोहाघाट:ग्रामीण क्षेत्रो के पशुओं के लिए वरदान बनी पशु एंबुलेंस सेवा 1962 कई पशुओं की बचा रही है जान

रिर्पोट: लक्ष्मण बिष्ट

Kali Kumaun Khabar

ग्रामीण क्षेत्रो के पशुओं के लिए वरदान बनी पशु एंबुलेंस सेवा 1962 कई पशुओं की बचा रही है जान

सरकार द्वारा पशुपालन विभाग के माध्यम से पशुओं के इलाज व जान बचाने के लिए शुरू करी गई पशु एंबुलेंस सेवा 1962 वरदान बन गई है सोमवार को रायकोट कुंवर गांव के समाजसेवी गिरीश कुवर ने बताया गांव के एक ग्रामीण की बकरी व एक अन्य मवेशी बीमार पड़ गए तो उन्होंने पशु एंबुलेंस सेवा के लिए टोल फ्री नंबर 1962 में कॉल करी कुंवर ने बताया फोन करने के तत्काल बाद ही 1962 मौके पर पहुंची 1962 के पशु चिकित्सक डॉक्टर जितेंद्र खर्कवाल व पायलट गोविंद तिवारी के द्वारा तत्काल पशुओं का उपचार शुरू कर दिया गया

हालांकि काफी कोशिश के बावजूद भी भी एक मवेशी की जान नहीं बचाई जा बचाई जा सकी वही रायकोट के ग्रामीणों के द्वारा सराहनीय सेवा के लिए डॉक्टर खर्कवाल व पायलट गोविंद तिवारी की सराहना करते हुए धन्यवाद दिया गया अपनी शानदार सेवा के लिए 1962 सेवा पूरे लोहाघाट क्षेत्र में लोकप्रिय हो गई है इस सेवा के द्वारा ग्रामीणों के कई पशुओं की जान बचाई गई है वहीं ग्रामीणों के द्वारा इस जन कल्याणकारी सेवा के लिए धामी सरकार को धन्यवाद दिया गया मालूम हो दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्र के लिए 1962 वरदान बनी हुई है


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