उत्तराखंड

लोहाघाट:मर्तोलिया ने लिखा सीएम धामी को भावुक पत्र दो वर्ष कार्यकाल बढ़ाए जाने पर सरकार ले तत्काल फैसला /अनुज की तेरहवीं से की अपील /संगठन के प्रतिनिधिमंडल को दे मिलने का मौका /दुख की घड़ी में भी है वचन की याद 

रिपोर्ट:लक्ष्मण बिष्ट 👹

Kali Kumaun Khabar

मर्तोलिया ने लिखा सीएम धामी को भावुक पत्र दो वर्ष कार्यकाल बढ़ाए जाने पर ले तत्काल फैसला

 

लोहाघाट ( चंपावत):हाल ही में दिवंगत हुए छोटे भाई की तेरहवीं की क्रिया में बैठे उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायत संगठन के राज्य संयोजक जगत मर्तोलिया ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को एक मार्मिक पत्र लिखा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को तत्काल उत्तराखंड के 12 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायत का कार्यकाल दो वर्ष बढ़ाए जाने की मांग को लेकर अपना फैसला सुनाना चाहिए। आगे लिखा कि होनी को कुछ और मंजूर था इसलिए आपसे मिलने तो नहीं आ सकता। आज नवें दिन आपसे अनुरोध कर रहा हूं।राज्य संयोजक तथा पिथौरागढ़ के मुनस्यारी से जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया के अनुज 48 वर्षीय वीरेंद्र सिंह मर्तोलिया की धारचूला के अंतर्गत बरम के निकट कार दुर्घटना में 29 अक्टूबर को अकाल मृत्यु हो गई थी।अपने अनुज के निधन के बाद चंपावत के लोहाघाट में अपने भाई की तेरहवीं की क्रिया में बैठे मर्तोलिया ने आज नौवें दिन मुख्यमंत्री को एक भावुक पत्र लिखा।उन्होंने कहा कि इस घटना से पूरा परिवार सदमे में है, लेकिन इस दुख की घड़ी में भी उन्हें उत्तराखंड के 12 जनपदों के 70 हजार प्रतिनिधियों को इस संवैधानिक मांग पर दिए गए वचन की याद है।उन्होंने कहा कि 17 अक्टूबर को हुई अपनी मुलाकात की याद सीएम को दिलाई।कहा कि सीएम ने पंचायती राज अनुभाग एक से मुख्यमंत्री सचिव विनय शंकर पांडे के पास भेजी गई रिपोर्ट को तत्काल प्रस्तुत करने के लिए मुख्यमंत्री के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी मोहन चंद जोशी को आदेशित किया था। आगे लिखते है कि सोचा था कि 30 अक्टूबर को आपको पत्र भेज कर 4 से 7 नवंबर के मध्य संगठन के प्रतिनिधिमंडल को मुलाकात करने का समय मांगेंगे, लेकिन होनी को कुछ और मंजूर था।29 अक्टूबर को अपने अनुज को खोने के बाद परिवार गहरे सदमे में है। उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा कि उत्तराखंड तथा झारखंड के बाद मध्य प्रदेश की सरकार भी प्रशासक समिति के माध्यम से कार्यकाल बढ़ाने की तैयारी कर रही है।इस संवैधानिक मांग पर तत्काल मुख्यमंत्री को सरकार का मुखिया होने के नाते फैसला लेना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अभी वह मुख्यमंत्री से मिलने के लिए नहीं आ सकते है, लेकिन संगठन के प्रतिनिधि मंडल को मिलने का मिलने का अवसर दिया जाए।आगे लिखा कि इस संवैधानिक मांग पर तत्काल सरकार अपना फैसला सुनाए।उन्होंने कहा कि जब देश की अन्य राज्य सरकारे प्रशासक समिति के माध्यम से कार्यकाल बढ़ा रही है तो, उत्तराखंड को पीछे नहीं रहना चाहिए।उन्होंने मुख्यमंत्री को धन्यवाद भी दिया कि उन्होंने इस दुख की घड़ी में उनको फोन कर उनका साहस बढ़ाया। उन्होंने आगे कहा कि इस दुख की घड़ी में जब वे आ भी नहीं सकते ना ही एप्रोच ही कर सकते है। इसलिए मुख्यमंत्री अवश्य इस मांग को लेकर संगठन के प्रतिनिधिमंडल को मिलने का मौका अवश्य देंगे।


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