रिपोर्ट: साहबराम : Haryana: हरियाणा विधानसभा में 3 विधेयक हुए पारित, देखें इनकी पूरी जानकारी

Laxman Singh Bisht
Tue, Aug 26, 2025
Haryana: हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान आज तीन विधेयक चर्चा उपरांत पारित किए गए। इनमें हरियाणा विधान सभा (सदस्य वेतन, भत्ता तथा पेंशन) संशोधन विधेयक, 2025, हरियाणा पिछड़ा वर्ग आयोग (संशोधन) विधेयक, 2025 तथा हरियाणा नगरपालिका क्षेत्रों के बाह्य क्षेत्रों में अपूर्ण नागरिक सुखसुविधाओं तथा अवसंरचना का प्रबंधन (विशेष उपबंध) संशोधन विधेयक, 2025 शामिल हैं।
हरियाणा विधान सभा (सदस्य वेतन, भत्ता तथा पेंशन) संशोधन विधेयक, 2025
हरियाणा विधान सभा (सदस्य वेतन, भत्ता तथा पेंशन) अधिनियम, 1975 को संशोधित करने के लिए हरियाणा विधान सभा (सदस्य वेतन, भत्ता तथा पेंशन) संशोधन विधेयक, 2025 पारित किया गया।
हरियाणा विधान सभा (सदस्य वेतन, भत्ता तथा पेंशन) अधिनियम, 1975 की धारा 7 ग के खण्ड (ग) के अधीन, हरियाणा विधान सभा का प्रत्येक सदस्य प्रति माह अधिकतम 10,000 रुपये का विशेष यात्रा भत्ते का हकदार है, जिसमें यह सुनिश्चित किया जा सके कि मासिक पेंशन, महंगाई राहत और उक्त कुल राशि स्वयं या उनके परिवारिक सदस्यों द्वारा यात्रा के लिए एक लाख रुपए के बराबर हो।
हाल के दिनों में विभिन्न सदस्यों ने व्यक्तिगत और संयुक्त रूप से अध्यक्ष से संपर्क कर मौजूदा प्रावधान, जिसमें विशेष यात्रा भत्ता के तहत मासिक पेंशन और महंगाई राहत की कुल राशि एक लाख रुपए के बराबर की सीमा रखी गई है, स्वयं या उसके परिवारिक सदस्यों द्वारा भारत में कहीं भी यात्रा के लिए प्रति माह अधिकतम दस हजार रुपये, वर्तमान मुद्रास्फीति प्रवृत्तियों को पर्याप्त रूप से प्रतिबिंबित नहीं करता है। इस पर यह सुझाव दिया गया कि विशेष यात्रा भत्ता में मासिक पेंशन और महंगाई राहत की कुल राशि एक लाख रुपए के बराबर की सीमा समाप्त की जाए व स्वयं या उसके परिवारिक सदस्यों द्वारा भारत में कहीं भी यात्रा के लिए प्रति माह अधिकतम दस हजार रुपये का विशेष यात्रा भत्ता प्रदान करना जारी रखा जाए।
इस विधेयक का उद्देश्य हरियाणा विधान सभा (सदस्य देतन, भत्ता तथा पेंशन) अधिनियम, 1975 की धारा 7 ग को खण्ड (ग) को प्रतिस्थापित करना है।
हरियाणा पिछड़ा वर्ग आयोग (संशोधन) विधेयक, 2025
हरियाणा पिछड़ा वर्ग आयोग अधिनियम, 2016 को संशोधित करने के लिए हरियाणा पिछड़ा वर्ग आयोग (संशोधन) विधेयक 2025 पारित किया गया ।
पिछड़े वर्ग की आवश्यकताओं और मांगों को व्यापक रूप से संबोधित करने के लिए, आयोग ने अपने कार्यों के दायरे का विस्तार करने की आवश्यकता महसूस की, जिसके लिए पिछड़े वर्गों के हितों की रक्षा हेतु अपने कार्यों के निर्वहन में आयोग को सशक्त बनाने के लिए पर्याप्त संशोधनों की आवश्यकता है। अतः आयोग ने हरियाणा पिछड़ा वर्ग आयोग अधिनियम, 2016 (हरियाणा अधिनियम संख्या 9, 2016) की धारा 9 में संशोधन का प्रस्ताव रखा है।
हरियाणा पिछडा वर्ग आयोग अधिनियम, 2016 के अंतर्गत आयोग के अध्यक्ष, सदस्यों, अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा सद्भावनापूर्वक किए जाने वाले किसी भी कार्य के लिए मुकदमे, उत्पीड़न या अन्य कानूनी कार्यवाही से सुरक्षा प्रदान करने हेतु अधिनियम में कोई प्रावधान नहीं है। इसलिए मूल अधिनियम की धारा 17 के बाद धारा 18 को जोड़ा जा सकता है। हरियाणा राज्य अनुसूचित जाति आयोग अधिनियम, 2018 (हरियाणा अधिनियम संख्या 34, 2018) की धारा 18 के अंतर्गत भी इसी प्रकार का प्रावधान मौजूद है।
उपरोक्त आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए, हरियाणा पिछड़ा वर्ग आयोग ने 04.08.2023 को आयोजित अपनी बैठक में हरियाणा पिछड़ा वर्ग आयोग अधिनियम, 2016 (हरियाणा अधिनियम संख्या 9, 2016) की धारा 9 में संशोधन करने तथा उक्त हरियाणा अधिनियम संख्या 9, 2016 में सद्भावनापूर्वक की गई कार्रवाई के संरक्षण के लिए धारा 18 को सम्मिलित करने का प्रस्ताव रखा।
हरियाणा नगरपालिका क्षेत्रों के बाह्य क्षेत्रों में अपूर्ण नागरिक सुखसुविधाओं तथा अवसंरचना का प्रबंधन (विशेष उपबंध) संशोधन विधेयक, 2025
हरियाणा नगरपालिका क्षेत्रों से बाह्य क्षेत्रों में अपूर्ण नागरिक सुखसुविधाओं तथा अवसंरचना का प्रबन्धन (विशेष उपबन्ध) अधिनियम, 2021 को संशोधित करने के लिए हरियाणा नगरपालिका क्षेत्रों के बाह्य क्षेत्रों में अपूर्ण नागरिक सुखसुविधाओं तथा अवसंरचना का प्रबंधन (विशेष उपबंध) संशोधन विधेयक, 2025 पारित किया गया।
हरियाणा नगरपालिका क्षेत्र से बाहर नागरिक सुविधाओं और अवसंरचना की कमी वाले क्षेत्रों का प्रबंधन (विशेष प्रावधान) अधिनियम 2021 राज्य के नगरपालिका क्षेत्रों से बाहर स्थित नागरिक सुविधाओं की कमी वाले क्षेत्रों में आवश्यक सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से अधिनियमित किया गया था। इस अधिनियम का उद्देश्य राज्य के निवासियों के जीवन स्तर में सुधार लाना था। कुल 684 आवासीय कॉलोनियां (अनधिकृत) को नियमित करने पर विचार किया गया था।
हरियाणा के मुख्यमंत्री ने अपने बजट भाषण के दौरान अनधिकृत औद्योगिक रिक कॉलोनियों के नियमितीकरण की घोषणा की। इसमें "पिछले दस वर्षों में लगभग 2145 अनधिकृत आवासीय कॉलोनियों को भी अधिनियमित किया गया है। अब हमें अनधिकृत औद्योगिक कॉलोनियों पर भी इसी प्रकार ध्यान देना होगा। इसलिए निर्णय लिया है कि यदि कम से कम 50 उद्यगी, जिनकी इकाइयों कम से कम 10 एकड़ सन्निहित भूमि पर स्थित हैं सामूहिक रूप से एक पोर्टल पर आवेदन करते हैं तो ऐसी सभी औद्योगिक इकाइयों को सभी विभागों द्वारा जाएगा तब तक वैध औद्योगिक इकाइयां माना जाएगा जब तक कि सरकार समूह के आवेदन पर अंतिम निर्णय नहीं ले लेती।"
तदनुसार, उपरोक्त बजट घोषणा के अनुपालन में सरकार राज्य में विकसित अनधिकृत औद्योगिक प्रतिष्ठानों पर भी रामान ध्यान देना चाहती है, ताकि इन प्रतिष्ठानों को बबुनियादी नागरिक सुविधाएँ और बुनियादी ढांचा प्रदान किया जा सके। ऐसे क्षेत्रों में स्वस्थ वातावरण सुनिश्चित करने के लिए न्यूनतम बुनियादी ढांचा प्रदान करना राज्य सरकार का प्राथमिक उद्देश्य है। इसलिए उपर्युक्त के गद्देनजर, स्वस्थ कार्य वातावरण सुनिश्चित करने के लिए बुनियादी ढांचागत सुनि प्रदान करने के लिए, यह प्रस्तावित है कि हरियाणा नगरपालिका क्षेत्र के नागरिक सुविधाओं और बुनियादी ढांचे की कमी वाले क्षेत्रों का प्रबंधन प्रावधान) संशोधन विधेयक, 2025 नामक एक विधेयक अधिनियनित किया गया