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रिपोर्ट: साहबराम : Haryana: हरियाणा में मधुमक्खी पालकों की हुई बल्ले-बल्ले, सैनी सरकार ने किया ये बड़ा ऐलान

Laxman Singh Bisht

Tue, Aug 26, 2025

Haryana: हरियाणा में मधुमक्खी पालकों के लिए बड़ी खुशखबरी आई है। हरियाणा प्रदेश में खेती के साथ अनेक किसान मधुमक्खी पालन भी करते हैं। मधुमक्खी पालन करने वालों के लिए ये बहुत ही अच्छी खबर है।

वैसे देखे तो केंद्र और राज्य सरकारें  किसानों की आय बढ़ाने के लिए कई योजनाएं चला रही है। किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र की सहायक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है, इसमें मधुमक्खी पालन भी शामिल है। 

आपको बता दें कि इसी बीच हरियाणा के CM सैनी ने प्रदेश के मधुमक्खी पालकों को बड़ा तोहफा दिया है। हरियाणा सरकार ने अन्य बागवानी फसलों की तर्ज पर शहद को भी 'भावांतर भरपाई योजना में शामिल करने की घोषणा की है।

ये हैं भावांतर भरपाई स्कीम

हरियाणा प्रदेश के अंदर भावांतर भरपाई योजना प्रदेश सरकार की योजना है, इस स्कीम का उद्देश्य बागवानी किसानों को बाजार में उनकी उपज के लिए कम रेट मिलने पर हुए नुकसान की भरपाई करना है। इस स्कीम में सरकार द्वारा उपज के लिए एक संरक्षित मूल्य निर्धारित किया जाता है और अगर बाजार में फसल का रेट इस संरक्षित मूल्य से कम होता है, तो बाजार मूल्य और संरक्षित मूल्य के अंतर की भरपाई सरकार द्वारा किसानों को की जाती है।

सब्सिडी दे रही सरकार

प्रदेश हरियाणा में बागवानी विभाग द्वारा मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। मधुमक्खियों के बक्सों र 85 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। इसी के साथ कोई भी किसान 50 बॉक्स तक अनुदान ले सकते है। 

इसी के साथ किसानों को अन्य सामान बाल्टी, कंघी, नेट व पैकिंग की बोतलें आदि के लिए 75 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है।  मधुमक्खी शहद देने के अलावा फसलों में परागण का भी काम करती है और इससे फसलों की पैदावार बढ़ती है।

शहद और परागण आदि की प्राप्ति के लिए मधुमक्खियां पाली जाती हैं। मधुमक्खियों की परागण में अहम भूमिका रहती है। और इससे फसल की पैदावार बढ़ जाती है। मधुमक्खी अक्टूबर से लेकर अप्रैल तक शहद देती है। मधुमक्खइयों के बक्से को फूल वाली फसलों के पास रखना पड़ता है। 

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