Monday 13th of October 2025

ब्रेकिंग

लोहाघाट के नेहरू पार्क में 17 से 22 अक्टूबर तक लगेगी आतिशबाजी की दुकाने।

लोहाघाट:पर्यटन सचिव धीराज सिंह गर्ब्याल ने किया चंपावत का दौरा, बाणासुर पैराग्लाइडिंग ज़ोन और गोलज्यू कॉरिडोर पर दिया

चंपावत:कार्यों की पारदर्शिता सुनिश्चित करने लोकपाल से जांच के निर्देश जनता मिलन में नागरिकों की समस्याओं पर त्वरित स

लोहाघाट:कर्मचारी नेता नगेंद्र जोशी के समर्थन में आगे आए कर्मचारी संगठन निष्पक्ष एवं उच्च स्तरीय जांच की मांग की

लोहाघाट:रमेश देव लगातार छठी बार बने जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ चंपावत के निर्विरोध जिला अध्यक्ष।

: शन्टिंग के दौरान दो डिब्बों के बीच दबकर रेलवे पोर्टर की दर्दनाक मौत, उठे कई सवाल?

Laxman Singh Bisht

Sun, Nov 10, 2024
शन्टिंग के दौरान दो डिब्बों के बीच दबकर रेलवे पोर्टर की दर्दनाक मौत, उठे कई सवाल? बिहार के बेगूसराय स्थित बरौनी जंक्शन में शनिवार को हुए दर्दनाक हादसे के बाद जहां रेल प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं, वहीं हादसे के दौरान लोगों की अमानवीयता भी देखने को मिली। दरअसल यहां कोऑर्डिनेशन की कमी की वजह से प्वाइंट्समैन अमर कुमार राव की दर्दनाक मौत हो गई। रेलवे की प्राथमिक जांच रिपोर्ट में इस हादसे की वजह दो रेलकर्मियों के बीच सही तालमेल न होना बताया गया। यह हादसा शनिवार को हुआ, जब इंजन और बोगी को अलग करने के दौरान शंटिंगमैन अमर कुमार बीच में फंस गए और दबने से मौत हो गई। इस घटना की तस्वीर वायरल हुई तो कई सवाल खड़े हो गए।रेलवे अधिकारियों के मुताबिक अमर कुमार ट्रेन के कपलिंग को खोलने की कोशिश कर रहे थे। इसी दौरान ट्रेन ने दिशा बदल दी और यह दुर्घटना घटी। इस हादसे को देख वहां मौजूद लोग सन्न रह गए। प्रत्यक्षदर्शियों ने तुरंत चिल्लाकर ड्राइवर को रोकने की कोशिश की, लेकिन तब तक अमर कुमार कोचों के बीच बुरी तरह दब चुके थे और उनकी मौके पर ही मौत हो गई। घटना के बाद ट्रेन के ड्राइवर ने तुरंत इंजन से उतर कर भागने का प्रयास किया, जिससे लोगों का गुस्सा और बढ़ गया। घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने बताया कि हादसे के दौरान कई लोग अपने मोबाइल से फोटो और वीडियो बनाने में व्यस्त थे, लेकिन किसी ने भी समय रहते मदद की कोशिश नहीं की। इस अमानवीयता को लेकर भी लोगों में आक्रोश देखा गया। अमर कुमार की मौत से उनके सहकर्मियों और परिवार में गहरा शोक है।रेलवे के अनुसार शंटिंग एक तकनीकी प्रक्रिया है जिसमें ट्रेन के कोचों को जोड़ने या अलग करने का काम होता है। यह काम बेहद जोखिम भरा होता है क्योंकि इसमें ट्रेन के इंजनों और कोचों को सही दिशा में ले जाना होता है। जरा सी चूक गंभीर हादसे का कारण बन सकती है। इस प्रक्रिया में रेलकर्मियों को बेहद सतर्कता बरतनी होती है, क्योंकि ट्रेन के हल्के से भी हिलने से जान का खतरा होता है।रेलवे में शंटिंग का काम एक चुनौतीपूर्ण कार्य माना जाता है, जिसमें प्रशिक्षित और अनुभवी कर्मियों की जरूरत होती है। हर छोटे कदम में ध्यान देना आवश्यक होता है क्योंकि ट्रेन के भारी-भरकम कोचों के बीच फंसने से बचाव का समय भी नहीं मिलता। यही वजह है कि इस कार्य में सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए जाते हैं। फिर भी, इस हादसे ने रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

जरूरी खबरें