मुख्यमंत्री की विधानसभा चंपावत के कोट अमोडी ग्राम पंचायत के लोगों के लिए सड़क गांव में आना एक सपने से कम नही है। ग्रामीण काफी लम्बे समय से सड़क की राह देख रहे है जहां एक और देश आजादी की 77वीं वर्षगांठ बना रहा है तो वही अभी तक कोट अमोरी गांव में सड़क न होने के कारण मरीजों के लिए डोली ही एक मात्र सहारा बनी है।बुधवार को कोट अमोडी ग्राम पंचायत के संद्रका तोक में एक मरीज को ग्रामीणों ने डोली के सहारे पांच किलोमीटर उबड़ खाबड़ रास्तों से गुजरते हुए मुख्य मार्ग तक पहुंचाया। आलम यह है कि आज के दौर में भी इस ग्राम पंचायत के लोग सड़क सुविधा के लिए तरस रहे हैं और बात चंपावत जिले को आदर्श जिला बनाने की हो रही है। ग्रामीणों के द्वारा बुधवार को मरीज लालमणी भट्ट को डोली के सहारे 5 किलोमीटर पैदल चलकर मुख्य मार्ग तक लाया गया उसके बाद खटीमा अस्पताल पहुंचाया गया। ग्रामीण संजय भट्ट, गोविन्द भट्ट ,उमेश भट्ट, रमेश भट्ट ,गोविन्द भट्ट ,गोपाल दत्त ,डिगर देव ,कृष्णा नंद आदि का कहना है कि सड़क की माग को लेकर ग्रामीण काफी लम्बे समय से मांग करते आ रहे हैं पर कोई सुध लेने को तैयार नहीं है सड़क न होने से लोगों को काफी दिक्कतों को सामना करना पड़ता है । राज्य योजना में 8 किलोमीटर की सड़क स्वीकृत होने के बाद भी विभाग की ओर से सर्वे कार्य पूरा नहीं हो पाया है जिससे ग्रामीणों में काफी रोष व्याप्त है। जिस कारण ग्रामीणों को सड़क तक आने के लिएपांच किलोमीटर की खडी चढाई पार करनी होती है
कोट अमोड़ी के ग्रामीणों ने कहा आए दिन अधिकांश गंभीर मरीजों की समय से अस्पताल न पहुंचने के कारण अकारण मौत हो जाती है। ग्रामीणों का कहना है कि आज के दौर में भी सड़क न होने से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।कोट अमोडी गांव के लोगों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर 2024 लोकसभा चुनाव से पहले अगर सड़क नहीं बनती है तो आने वाले लोकसभा चुनाव के साथ-साथ अन्य सभी चुनावों का बहिष्कार किया जाएगा। ग्रामीणों का कहना है कि लगातार ग्रामीणों को कोरा आश्वासन ही मिल रहा है। सड़क का सपना तो सायद ही पूरा हो।वही लोक निर्माण विभाग चंपावत के अधिशासी अभियंता मोहन पलडिया ने कहा उक्त सड़क का सर्वे करने के बाद रिर्पोट अधीक्षण अभियंता को प्रेषित की गई है। स्वीकृति मिलने के बाद आगे की कार्यवाही की जाएंगी।