रिपोर्ट: साहबराम : Haryana: हरियाणा सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका, रद किया ये फैसला...

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Thu, Sep 18, 2025
Haryana: हरियाणा से बड़ी खबर है। हरियाणा सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। जानकारी के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल, 2022 के अपने उस फैसले को रद कर दिया है जिसमें गांव की साझा भूमि को ग्राम पंचायतों को वापस करने का निर्देश दिया गया था।
मिली जानकारी के अनुसार, कोर्ट ने 7 अप्रैल, 2022 को यह भी कहा था कि पंजाब के एक कानून के तहत मालिकों से उनकी अनुमेय सीमा से अधिक ली गई भूमि के संबंध में केवल प्रबंधन और नियंत्रण ही पंचायत के पास होगा, न कि स्वामित्व। जानकारी के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि प्रबंधन और नियंत्रण में भूमि को पट्टे पर देना और गैर-स्वामियों, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों आदि द्वारा भूमि का उपयोग शामिल है, जो ग्राम समुदाय के लाभ के लिए है। Haryana News
फैसले रद
जानकारी के मुताबिक, अपने ही फैसले की समीक्षा की मांग वाली याचिका को स्वीकार करते हुए प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा एवं जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने 2022 के फैसले को रद कर दिया। मिली जानकारी के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट की 2003 की पूर्ण पीठ के उस फैसले को बरकरार रखा, जिसमें कहा गया था कि चकबंदी के दौरान सामान्य उद्देश्यों के लिए निर्धारित नहीं की गई भूमि मालिकों के पास होगी, न कि पंचायत या राज्य के पास। Haryana News
मिली जानकारी के अनुसार, हरियाणा की अपील को खारिज करते हुए प्रधान न्यायाधीश ने कहा, “हमें वर्तमान मामले के तथ्यों पर 'स्टेयर डेसिसिस के सिद्धांत' को लागू करने में हाईकोर्ट की पूर्ण पीठ के फैसले में कोई त्रुटि नहीं दिखती क्योंकि यह उस कानून का पालन करता है जिसे 100 से अधिक फैसलों में लगातार लागू किया गया था। Haryana News
बरकरार
जानकारी के मुताबिक, हमें राज्य की अपील में कोई योग्यता नहीं दिखती। तदनुसार इसे खारिज किया जाता है।'' 51 पृष्ठों का फैसला लिखते हुए प्रधान न्यायाधीश ने 2022 के फैसले के निष्कर्षों का उल्लेख किया, जिसमें पंजाब ग्राम साझा भूमि (विनियमन) अधिनियम, 1961 में 1992 में किए गए संशोधन की वैधता को बरकरार रखा गया था। Haryana News
मिली जानकारी के अनुसार, यह माना गया कि “समानुपातिक कटौती लागू करके सामान्य उद्देश्यों के लिए आरक्षित संपूर्ण भूमि का उपयोग ग्राम पंचायत द्वारा ग्राम समुदाय की वर्तमान और भविष्य की जरूरतों के लिए किया जाना था और भूमि का कोई भी हिस्सा मालिकों के बीच पुनर्विभाजित नहीं किया जा सकता है।'' Haryana News
किया खारिज
जानकारी के मुताबिक, पहले के फैसले में गांव की सार्वजनिक भूमि को ग्राम पंचायतों को वापस करने का निर्देश दिया गया था। प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ, जिसने पहले पुनर्विचार याचिका स्वीकार की थी, ने इन निष्कर्षों को खारिज कर दिया।