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अल्मोड़ा:संजय पाण्डे की पहल से अल्मोड़ा जन सुविधा केंद्र में खाता-खतौनी सेवा होगी बहाल

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रिपोर्ट लक्ष्मण बिष्ट : अल्मोड़ा:संजय पाण्डे की पहल से अल्मोड़ा जन सुविधा केंद्र में खाता-खतौनी सेवा होगी बहाल

Laxman Singh Bisht

Wed, Dec 24, 2025

जहाँ राजनीति चुप रही, वहाँ जनसेवा बोली

संजय पाण्डे की पहल से अल्मोड़ा जन सुविधा केंद्र में खाता-खतौनी सेवा होगी बहाल

अल्मोड़ा नगर निगम परिसर में स्थित जन सुविधा केंद्र में खाता-खतौनी की ऑनलाइन सेवा एक लंबे अंतराल के बाद पुनः शुरू होने जा रही है। यह जानकारी रेवेन्यू बोर्ड द्वारा सामाजिक कार्यकर्ता संजय पाण्डे को उनके मोबाइल पर आधिकारिक रूप से दी गई।पिछले लगभग एक वर्ष से यह सेवा बंद पड़ी थी, जिससे आम जनता—विशेषकर किसानों, बुजुर्गों और दूरस्थ क्षेत्रों से आने वाले नागरिकों—को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। मामूली राजस्व कार्यों के लिए लोगों को शहर से बाहर भटकना पड़ रहा था।

*साइबर अटैक बना वजह*

रेवेन्यू बोर्ड के अनुसार पिछले वर्ष हुए साइबर अटैक के बाद जन सुविधा केंद्र की तकनीकी व्यवस्था प्रभावित हो गई थी, जिसके चलते खाता-खतौनी की ऑनलाइन सेवा बाधित हुई। अब तकनीकी सुधार की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है और जनवरी 2026 से यह सुविधा पुनः शुरू कर दी जाएगी।सेवा बहाल होने के बाद नगर निगम परिसर स्थित जन सुविधा केंद्र से दोपहर 12 बजे तक खाता-खतौनी सहित अन्य राजस्व संबंधी कार्य संपादित किए जाएंगे, जिससे आम नागरिकों को बड़ी राहत मिलेगी।

*कुमाऊँ कमिश्नर से रेवेन्यू बोर्ड तक पहुँचा मामला*

इस जनहित के मुद्दे को सामाजिक कार्यकर्ता संजय पाण्डे ने लगातार और जिम्मेदारी के साथ उठाया। पहले यह मामला कुमाऊँ कमिश्नर के संज्ञान में लाया गया, जिसके बाद इसे रेवेन्यू बोर्ड को प्रेषित किया गया। रेवेन्यू बोर्ड से मिली सूचना के बाद अब सेवा बहाली का रास्ता साफ हो गया है।

*बिना धरना-प्रदर्शन मिली सफलता*

पूरे प्रकरण में संजय पाण्डे ने बिना किसी धरना-प्रदर्शन, नारेबाज़ी या शोर-शराबे के, केवल तथ्यों, दस्तावेज़ों और प्रशासनिक संवाद के माध्यम से यह सफलता हासिल की। यह साबित करता है कि गंभीर और शांत प्रयास भी बड़े परिणाम ला सकते हैं।

*राजनीतिक दलों की चुप्पी पर सवाल*

संजय पाण्डे ने इस मामले में राजनीतिक दलों की भूमिका पर नाराज़गी जताते हुए कहा कि

“जो राजनीतिक पार्टियाँ रोज़ धरने और प्रदर्शन करती हैं, वे ऐसे जनहित के मुद्दों पर, जहाँ सच में बोलने की ज़रूरत थी, पूरी तरह मौन रहीं। जनता की समस्याओं पर राजनीति नहीं, ज़िम्मेदारी दिखनी चाहिए।”

*(पहले भी करवा चुके हैं बड़े काम)

यह पहला अवसर नहीं है जब संजय पाण्डे के प्रयासों से कोई बड़ा जनहित कार्य पूरा हुआ हो। इससे पहले भी वे कई ऐसे महत्वपूर्ण कार्य करवा चुके हैं, जो बड़े-बड़े राजनेता भी वर्षों में नहीं कर पाए। उनकी कार्यशैली परिणाम आधारित और जनकेंद्रित रही है।अल्मोड़ा की जनता के लिए यह निर्णय एक बड़ी राहत है और यह स्पष्ट संदेश देता है कि सच्ची जनसेवा शोर से नहीं, परिणामों से पहचानी जाती है।

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