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: लोहाघाट:बारिश होने के साथ ही सीमांत सुल्ला में धान की रोपाई ने पकड़ा जोर धान रोपाई के लिए प्रवासी भी पहुंचे गांव

Laxman Singh Bisht

Tue, Jul 9, 2024
बारिश होने के साथ ही सीमांत सुल्ला में धान की रोपाई ने पकड़ा जोर धान रोपाई के लिए प्रवासी भी पहुंचे गांव लोहाघाट क्षेत्र में लगातार हुई बारिश के बाद क्षेत्र के सीमांत सुल्ला गांव में मंगलवार से ग्रामीणों ने धान की रोपाई शुरू कर दी है सुल्ला गांव के सभी बुजुर्ग,महिला, पुरुष, युवा व बच्चे धान की रोपाई में जुट गए हैं गांव की मातृशक्ति पारंपरिक गीतों का गायन करते हुए धान की रोपाई में जुटी हुई है वहीं मंगलवार को सुल्ला के ग्राम प्रधान प्रतिनिधि त्रिलोक सिंह ने बताया इस बार बारिश थोड़ी देर से हुई है लेकिन जो बीते दिनों बारिश हुई इसके बाद पूरे क्षेत्र के ग्रामीण धान की रुपए में जुट गए हैं उन्होंने बताया जहां गांव के पुरुष बैलों की मदद से रोपाई के लिए खेत तैयार कर रहे हैं तो वहीं महिलाएं धान की रोपाई कर रही हैं त्रिलोक सिंह ने बताया सुल्ला में ग्रामीण अपनी पारंपरिक खेती को बिना किसी सरकारी मदद के करते हैं और बड़ी संख्या में करते हैं उन्होंने बताया धान की रोपाई करने के लिए बड़ी संख्या में प्रवासी गांव पहुंचे हुए हैं बताया गांव के सभी महिला पुरुष एक दूसरे का सहयोग करते हुए धान की रोपाई कर रहे हैं मालूम हो अब पहाड़ों में बहुत कम गांव बचे हुए हैं जहां धान की रोपाई होती है अब ऐसे दुर्लभ दृश्य बहुत कम देखने को मिलते हैं नेपाल सीमा से लगा सुल्ला क्षेत्र जैविक धान की पैदावार के लिए काफी प्रसिद्ध है यहां का लाल धान पूरे प्रदेश में काफी प्रसिद्ध है अगर सरकार इन गांवों को सुविधा दे तो ग्रामीण अपनी पारंपरिक खेती को बढ़ावा देते रहेंगे और उनके उगाए उत्पादों का अन्य लोगों को भी लाभ मिलेगा कुल मिलाकर सुल्ला में धान की रोपाई की बहार आई हुई है जिसका ग्रामीण भरपूर आनंद उठा रहे हैं शासन प्रशासन ने भी ऐसे गावो में खेती को बढ़ावा देना चाहिए जहा कई गावो मे ग्रामीणों ने खेती करना जानवर पालना छोड़ दिया है वही सुल्ला के ग्रामीण आज भी खेती में आ रही दिक्कतों से जूझते हुए अपनी पारंपरिक खेती करते हैं तथा बड़ी संख्या में मवेशीयो को पालते हैं

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