
चंपावत जिले के लोहाघाट ब्लाक के नेपाल सीमा से लगे मड़लक में भैय्या दूज पर्व पर लगने वाले विशाल बग्वाली मेले की तैयारी जोर शोर से शुरू हो गई हैं। सीमावर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में ढोल दमाऊं बजने के साथ साथ रात्रि जागरण होने लगे हैं। बगवाली मेले को लेकर ग्रामीण अपने गांवों को देवीरथों को लेकर रवाना हो गए हैं तथा मेले को लेकर प्रवासियों के आने का सिलसिला जारी है।

मेला समिति के अध्यक्ष पवन कुमार जोशी ने बताया कि सीमांत क्षेत्र के सुप्रसिद्ध मडलक भगवती मंदिर में इस वर्ष 15नवंबर को भैय्या दूज के दिन बग्वाली मेला आयोजित होगा। मेले के लिए देवी मंदिर मडलक से बगोटी व मजपीपल के श्रद्धालुओं द्वारा अपने अपने गांव के डोलों को ले जाया गया है। तीन दिवसीय रात्रि जागरण के साथ विशेष आयोजन किए जा रहे हैं। मेला समिति के सदस्य डा सतीश चंद्र पांडेय ने बताया कि

यहां के बगोटी,मजपीपल, मडलक,देवीमैत बुंगा गांवों में ढोल दमाऊ बजने लगे हैं और महिलाओं द्वारा झोड़े और बगोटी में पुरुषों द्वारा ढुस्कों का गायन किया जा रहा है। बुधवार को भैया दूज के दिन सेल्ला गांव , मड़लक मंदिर की परिक्रमा करेगा उसके बाद बगोटी, मजपीपल और मडलक के देवरथ मंदिर की परिक्रमा कर देवी मैत बूंगा की तरफ प्रस्थान करेंगे। वहां देवी मैत के देवरथ से भेंट होगी

और सागर सेल्ला गांव के लोग मायके वालों की भूमिका निभाएंगे। सोमवार गांव के देवी मंदिर में पूजा अर्चना शुरू हो गई है। पुरोहित प्रवीन पांडेय, दीनानाथ पांडेय, भगवती के देव डांगर खीम पुजारी ने पूजा अर्चना की।बग्वाली मेले को लेकर क्षेत्रीय लोगों में खासा उत्साह बना हुआ है।सचिव शंकर दत्त पांडेय, कोषाध्यक्ष देव सिंह धौनी, मंदिर के पुजारी धर्मानंद पांडेय, मान सिंह रावत,

अनिल पांडेय, ग्राम प्रधान गणेश सिंह बोहरा, दीपक चंद्र जोशी, अमर सिंह, निलाप सिंह, पुरन चंद्र, आनंद जोशी, संतोक सिंह, चंद्र सिंह धौनी, रमेश चंद्र जोशी, उमेद सिंह, सोबन सिंह, नारायण सिंह, त्रिलोक सिंह सहित ग्रामीण जुटे हुए हैं।
