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पिथौरागढ़: सड़कों पर दिखी बेरोजगारी सरकार कहती है देश में सब ठीक चल रहा है एक एक सीट के लिए दौड़े सैकड़ो युवा /प्रादेशिक भर्ती में पहुंचे बेरोजगार युवाओं की धमक से हिला उत्तराखंड

रिपोर्ट:लक्ष्मण बिष्ट 👹

Kali Kumaun Khabar

सड़कों पर दिखी बेरोजगारी सरकार कहती है देश में सब ठीक चल रहा है एक एक सीट के लिए दौड़े सैकड़ो युवा

पिथौरागढ़ में चल रही सेना की प्रादेशिक भरती ने देश में बेरोजगारी की पोल सड़कों में खोलकर रख दी मात्र कुछ सौ सीटों के लिए हजारों बेरोजगार युवा पिथौरागढ़ पहुंचे रोजगार पाने के लिए युवाओं ने पुलिस की लाठियां खाई, भूखे प्यासे रहे ,ठंड में खुले आसमान के नीचे रात बिताई ,बसों में सीट पाने के लिए धक्के खाए किसी तरह युवा पिथौरागढ़ पहुंचे कितने युवा आधे रास्ते से वापस लौट गए जितने युवा टनकपुर से पिथौरागढ़ पहुंचे उतने ही युवा हल्द्वानी होते हुए पिथौरागढ़ पहुंचे

मात्र कुछ सौ सीटों के लिए हजारों की संख्या में युवाओं का पिथौरागढ़ पहुंचना देश में विकराल रूप लेती बेरोजगारी की समस्या को दिखाता है और सरकार देश में सब ठीक चल रहा का दावा करती है पिथौरागढ़ भर्ती में एक एक सीट के लिए सैकड़ो युवा संघर्ष करते नजर आए युवाओं ने कहा इतनी दूर भरती रखकर उनके साथ मजाक किया गया है उनके मां-बापो ने किसी तरह पैसों की व्यवस्था कर उन्हें भर्ती होने भेजा बेरोजगार युवाओं का आक्रोश सड़कों में नजर आया यह बेरोजगार युवाओं का उमड़ता सैलाब तो फिल्म का ट्रेलर मात्र है दो-तीन राज्यों के कुछ प्रतिशत युवा भरती होने पहुंचे तो पूरा उत्तराखंड हिल गया

अगर पूरे देश के बेरोजगारी के आंकड़े जोड़े जाए तो देश में बेरोजगारी का आलम क्या होगा इसका अंदाजा खुद लगाया जा सकता है और सरकार कहती है देश में सब ठीक चल रहा है और स्वरोजगार करो का नारा देती है अब सरकार ही बताएं कितने बेरोजगार स्वरोजगार करेंगे करोड़ के हिसाब से युवा बेरोजगार पड़े हैं ऊपर से सरकार द्वारा ऑनलाइन व्यापार को बढ़ावा देकर व्यापार को भी चौपट कर दिया है जो स्वरोजगार कर रहे हैं उनका व्यापार ऑनलाइन से पूरी तरह चौपट हो गया है हजारों की संख्या में दुकाने बंद हो चुकी हैं जिस कारण अब युवा स्वरोजगार करने से भी डर रहे हैं बेरोजगारी देश में सबसे बड़ी समस्या बनती जा रही है

और बेरोजगारों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है जिस दिन देश के करोड़ों बेरोजगार युवा सड़कों में आ गए उस दिन क्या होगा यह सरकार के नुमाइंदे भी अच्छी तरह से जानते हैं शायद उस दिन उन्हें छुपने के लिए जगह तक ना मिले सरकार को समय रहते बेरोजगारी को गंभीरता से लेना चाहिए सिर्फ दावो व बातों से किसी का पेट नहीं भरता है शायद बेरोजगार युवाओं के इस सैलाब ने उत्तराखंड की आंखें भी खोल दी होगी कि देश और प्रदेश में बेरोजगारी का आलम क्या है हालांकि देश ने कई मामलों में काफी तरक्की कर ली है पर रोजगार देने में सरकार काफी पीछे है हर साल  बेरोजगारों की फौज बढ़ती जा रही है


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