उत्तराखण्ड में भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी मुहिम: रिश्वत मांगे जाने पर तत्काल इस नंबर पर 9456592300 एवं टोल फ्री न0 “1064” शिकायत दर्ज कराए।
डीजी विजिलेंस डॉक्टर बी0मुरुगेशन ने जानकारी देते हुए बताया उत्तराखण्ड में भ्रष्टाचार के खिलाफ विजिलेंस ने मुहिम चलाकर कार्यवाही तेज की है उन्होने बताया विगत आठ माह में 29 भ्रष्टाचारियों को गिरफ्तार किया गया है।उत्तराखण्ड में भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करते हुए विजिलेंस विभाग ने अपनी सक्रियता को और तेज कर दिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की “जीरो टॉलरेंस” नीति के तहत विजिलेंस ने यह स्पष्ट किया है कि भ्रष्टाचार की शिकायत करने से लोगों के काम रुकेंगे नहीं, बल्कि नियमानुसार पूरे होंगे। विगत 8 माह में विजिलेंस विभाग ने प्रदेश भर में 29 रिश्वतखोर अधिकारियों और कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है। यह संख्या पिछले वर्ष की तुलना में दो गुना अधिक है । गिरफ्तार होने वालों में 4 राजपत्रित अधिकारी और 25 गैर-राजपत्रित अन्य अधिकारी शामिल हैं। रिश्वतखोर अधिकारियों की सूची निम्न है
गिरफ्तारी का विभागावार विवरण – पुलिस विभाग-05,परिवहन विभाग-03,राजस्व विभाग-04,शिक्षा विभाग-03,विद्युत विभाग-04,राज्य कर विभाग-01,आबकारी विभाग-01,खेल विभाग-01,वन विभाग-01,शहरी विकास विभाग-01,लघु सिंचाई विभाग-01,पंचायती राज विभाग-01आवास विकास विभाग-01,औद्यौगिक विभाग-01,खाद्य आपुर्ति विभाग-01
II. ट्रैप की जनपदवार की गयी कार्यवाही का विवरण (गढवाल मण्डल) -देहरादून-03,हरिद्वार-03,पौडी-03 (कुमाऊँ मण्डल)-उधमसिंहनगर-10,नैनीताल-03 विजिलेंस केवल गिरफ्तारी तक ही सीमित नहीं है, बल्कि गिरफ्तार अधिकारियों के खिलाफ त्वरित न्यायिक कार्रवाई भी की जा रही है। पकडे गये अभियुक्तो में कुल 24 (4 राजपत्रित अधिकारी एवं 20 अराजपत्रित अधिकारियों) के विरूदध मा0 न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिए गए हैं। जिनमे से 15 प्रकरणो में मा0 न्यायालय में विचारण भी शुरू हो गया है। अभियुक्तो को मा0 न्यायालय से दण्डित किये जाने के सम्बन्ध मे विजलेंस के अभियोजन अधिकारीयों द्वारा ठोस पैरवी की जा रही है जिसके फलस्वरूप मा0 न्यायालय द्वारा विगत वर्षो के4 अभियुक्तो को दण्डित किया गया है और 05 अन्य मामलों की विवेचना जारी है।विजिलेंस ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में अधिकारियों और कर्मचारियों को रंगे हाथों रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है जिनमें कुछ प्रमुख गिरफ्तारियां इस प्रकार हैं-
I. दिनांक 25/4/24 को जनपद उधमसिंह नगर के खाद्य आपुर्ति विभाग के विपणन अधिकारी मोहन सिह टोलिया 50000 रू0 रिश्वत के साथ गिरफ्तार ।
II. दिनांक 22/5/24 को जनपद नैनीताल के लघु सिंचाई विभाग के अधिशाषी अभियन्ता 50000 रू0 रिश्वत के साथ गिरफ्तार ।
III. दिनांक 25/6/24 को सहायक आयुक्त राज्य कर शशिकान्त दुबे 75000 रू0 रिश्वत के साथ गिरफ्तार ।
IV. दिनांक 2/7/24 को जनपद उधमसिंह नगर के जिला आबकारी अधिकारी अशोक मिश्रा 70000 रू0 रिश्वत के साथ गिरफ्तार ।
V. दिनांक12/7/24 को जनपद हरिद्वार के खण्ड शिक्षा अधिकारी अयाजुद्दीन 10000 रू0 रिश्वत के साथ गिरफ्तार ।
डीजी विजिलेंस डाँ0 वी मुरूगेसन ने कहा कि आम जनता में अक्सर यह डर होता है कि रिश्वत की शिकायत करने पर उनका काम नहीं होगा या रुक जाएगा। इस डर को खत्म करने के लिए विजिलेंस विभाग यह सुनिश्चित कर रहा है कि रिश्वतखोरी की शिकायत के बाद उस काम को फॉलो किया जाए और पूरा होने तक विभाग उस पर नजर रखे। विजिलेंस विभाग की यह कार्रवाई भ्रष्टाचार के खिलाफ एक मजबूत संदेश है कि अब रिश्वतखोर अधिकारियों के लिए कोई जगह नहीं है।यदि कोई राज्य के सरकारी विभागों में नियुक्त अधिकारी/कर्मचारी, अपने पदीय कार्य के सम्पादन में किसी प्रकार का दबाव बनाकर रिश्वत की मांग करता है तथा उसके द्वारा आय से अधिक अवैध सम्पत्ति अर्जित की गयी हो, तो इस सम्बन्ध में सतर्कता अधिष्ठान के टोल फ्री हैल्पलाइन नम्बर-1064 एवं Whatsapp हैल्पलाईन नम्बर 9456592300 पर सम्पर्क कर भ्रष्टाचार के विरूद्ध अभियान में निर्भीक होकर सूचना दें ।
विजिलेंस विभाग की इन कार्यवाहियों से उत्तराखण्ड में भ्रष्टाचार पर नियंत्रण पाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है, जिससे आम जनता को राहत मिलने की उम्मीद है।