: प्रदेश में कौशल विकास प्रशिक्षण के नाम पर करोड़ों का महाघोटाला आरटीआई में हुआ खुलासा
कौशल विकास प्रशिक्षण के नाम पर बड़ा घोटाला
कौशल विकास योजना में करोड़ों के घोटालों का मामला सामने आया है, हल्द्वानी के आरटीआई कार्यकर्ता विक्की खान द्वारा सूचना के अधिकार में मांगी गई जानकारी से बड़ा खुलासा हुआ है। विक्की खान ने इस मामले को उजागर करते हुए बताया कि प्रदेश में चल रही कौशल विकास प्रशिक्षण योजना के नाम पर धांधली बरती गई अकेले कोरोना काल में प्रदेश के 55 हजार छात्रों को प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभाग करा उन्हें नौकरी तक आवंटित कर दी जबकि असल में यह एक बड़ा घोटाला है, जिन छात्रों के आधारकार्ड लगाए गए हैं वह पूरी तरह फर्जी हैं, जब इन कागजातों की पड़ताल की गई तो ये फर्जी पाए गए जिनमें एक आधार कार्ड में अंकित संख्या दूसरे के नाम पर भी अंकित है,
इस पूरे फर्जीवाड़े में 600 करोड़ का चूना लगा दिया गया है जिसमें 200 करोड़ बच्चों के प्रशिक्षण के लिए बजट आया था और 400 करोड़ आईटीआई केंद्रों के लिए रखा गया थाा जबकि बाकी अन्य बजट था, मामले के सामने आने के बाद प्रदेश में युवाओं के साथ हो रहे छलावे की काली करतूत सामने आ गई है, आपको बता दें कि इस पूरे मामले में ऐसे लोगों तक को प्रशिक्षण में शामिल कर दिया गया जो अब इस दुनिया में नहीं हैं या फिर किसी सरकारी नौकरी में कार्यरत हैं बहरहाल यह मामला अब तूल पकड़ने वाला है और जल्द ही आरटीआई कार्यकर्ता इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर करने वाले हैं।उन्होंने सरकार के जिम्मेदार विभाग पर बाहरी राज्यों के संस्थाओं और कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए ठेका देने की बात कही। उन्होंने कहा कि इन संस्थाओं ने वर्ष 2019 से 2022 तक 55 हजार बच्चों को 600 करोड़ का कोर्स कराया है
जबकि कोरोना महामारी के बीच स्कूल, कॉलेज और संस्थान बंद चल रहे थे, वहीं इस पूरे मामले में निदेशक कौशल विकास संजय खेतवाल का कहना है कि मामला उनके संज्ञान में आया है मामला पुराना बताया जा रहा है, इस पूरे मामले की जांच की जा रही है और जो भी तथ्य सामने आएगा उस पर कार्रवाई की जाएगी।


