: चंपावत:जान हथेली में रखकर स्कूल जाने को मजबूर खरही के छात्र-छात्राएं कभी भी हो सकता है हादसा

Laxman Singh Bisht
Thu, Jul 13, 2023खरही में पैदल पुल बहने से स्कूली बच्चों एवं ग्रामीणों को दिक्कत कभी भी हो सकते हैं हादसों का शिकार
एक और जहां सरकार द्वारा गांव-गांव में स्कूलो और सड़कों का निर्माण किया जा रहा है। ताकि ग्रामीण इलाकों को सड़क से जोड़कर उनका विकास किया जा सके और गांवों में स्कूल बनाकर वहां के बच्चों को शिक्षित किया जा सके, लेकिन वही चंपावत जिले के पाटी विकासखंड के ग्राम पंचायत खरही में कुछ और ही तस्वीर नजर आती है। यहां पर स्कूल पढ़ने वाले बच्चों और आंगनबाड़ी जाने वाले बच्चों को स्कूल जाने के लिए अपनी जान हथेली में रखकर रास्ते में पढ़ने वाले गधेरे को पार करना पड़ता है।
इस गधेरे को पार करने के लिए कोई और रास्ता तक नहीं है ग्रामीणों के द्वारा गधेरे में पेड़ का तना डालकर उसके द्वारा गधेरा पार करना पड़ रहा है जिसमें कभी भी हादसा हो सकता है ग्राम प्रधान सुनीता बोहरा ने बताया ग्रामीणों की आवाजाही के लिए बना पुल वर्ष 2021 में आई आपदा में टूट गया था और यहां से निकलने के लिए सिर्फ एक सकरा व कीचड़ भरा रास्ता है। जिससे निकलने में अनहोनी का डर हमेशा सताता रहता है। ग्राम प्रधान ने बताया गधेरे को पार करने वाला दूसरा रास्ता तो है, लेकिन उस पर कोई भी पुल पुलिया नहीं बनी है।
जिस कारण स्कूल के बच्चे एवं ग्रामीण अपनी जान जोखिम में डालकर रोज बारिश के समय इस को पार करते हैं जिस कारण हमेशा हादसे का डर लगा रहता है। ग्राम प्रधान ने बताया पंचायत द्वारा पुलिया निर्माण को लेकर शासन को प्रस्ताव भेजने के 4.80 लाख का स्टीमेट बन कर तैयार तो हुआ लेकिन बजट मात्र 75 हजार रूपए ही पास हुआ ऐसे में पुलिया निर्माण कार्य शुरू किया जाना काफ़ी मुश्किल है ग्राम प्रधान सुनिता बोहरा ने बताया कि इस पुलिया निर्माण में लगभग 6-7 लाख रूपए की लागत आ रही है। उन्होंने कहा पुलिया निर्माण के प्रयास किए जा रहे ताकि स्कूल पढ़ने वाले बच्चों को स्कूल जाने के लिए रास्ता एवं पुलिया मिल सके और वे सुरक्षित स्कूल पहुंच सके। वर्ष 2021 की आपदा खामियाजा ग्रामीणों को अभी तक भुगतना पड़ रहा है। वही ग्रामीणों का कहना है कि
पुलिया बह जाने से नाला पार करते समय डर लगता है। स्कूली बच्चों का कहना कि हम स्कूल जाते समय गिर कर घायल भी हो चुके हैं। और तो और बारिश के मौसम में तो हम लोग स्कूल बड़ी ही मुश्किल से जा पाते हैं। क्योंकि नाले पर ज़्यादा पानी आ जाता है। ग्रामीण सूरज बोहरा,दिवान सिंह, दुर्गा नाथ, महेश नाथ, प्रकाश सिंह, पुष्कर सिंह, नारायण सिंह, श्याम सिंह आदि ग्रामीणों ने सरकार व प्रशासन से इस पुलिया के निर्माण कार्य को लेकर बजट बढ़ाने की मांग करी है जिससे कि पुलिया बन पाए और गांव की यातायात व्यवस्था सुचारू रूप से हो सके और स्कूली बच्चे व ग्रामीण हादसो का शिकार होने से बच सकें। वही ग्रामीणों ने कहा अगर इस रास्ते में कोई घटना या दुर्घटना होती है उसकी पूरी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी



