रिपोर्ट:लक्ष्मण बिष्ट 👹👹 : चंपावत:डबल खुशियों की सवारी (DKKS)" – मातृ एवं नवजात शिशुओं के लिए समर्पित एंबुलेंस सेवा

डबल खुशियों की सवारी (DKKS)" – मातृ एवं नवजात शिशुओं के लिए समर्पित एंबुलेंस सेवाजनपद चम्पावत के देवीधुरा क्षेत्र में मातृ एवं नवजात स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को सशक्त और सुगम बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए “डबल खुशियों की सवारी (DKKS)” नामक एक विशेष एंबुलेंस सेवा आरंभ की गई है। यह सेवा विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं को सुरक्षित और समय पर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने हेतु समर्पित है।यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ देवेश चौहान ने बताया कि DKKS सेवा का उद्देश्य गर्भवती महिलाओं को मॉडल डिलीवरी केंद्रों – पनिया, देवीधुरा और पाटी – तक पहुंचाना, प्रसव के बाद मां और नवजात शिशु को सुरक्षित रूप से उनके घर वापस पहुंचाना तथा 0 से 28 दिन के उच्च जोखिम वाले नवजात शिशुओं को जिले के भीतर उपयुक्त स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचाना है, विशेषकर जब 108 और 102 जैसी आपातकालीन सेवाएं उपलब्ध न हों।इस सेवा के उपयोग के लिए एक ही संपर्क नंबर निर्धारित किया गया है – 9105108102।जब किसी महिला को प्रसव पीड़ा हो, तो परिवार को सर्वप्रथम 108 एंबुलेंस सेवा पर कॉल करना चाहिए। यदि 108 सेवा उपलब्ध नहीं है, या कच्चे रास्तों के कारण गांव तक नहीं पहुंच सकती, तो DKKS को सीधे कॉल किया जा सकता है। ऐसी स्थिति में DKKS गर्भवती महिला को निकटतम पक्के रास्ते तक पहुंचाएगी, जहां से 108 सेवा आगे की जिम्मेदारी संभाल सकती है। DKKS सेवा प्राथमिकता के आधार पर गर्भवती महिला को निकटतम उपयुक्त स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचाने का प्रयास करेगी।प्रसव के पश्चात, DKKS सेवा देवीधुरा और पर्निया डिलीवरी केंद्रों से मां और नवजात शिशु को उनके घर वापस पहुंचाने की सुविधा भी उपलब्ध कराएगी। यह वापसी सेवा प्रतिदिन प्रातः 8:00 बजे से रात्रि 8:00 बजे तक उपलब्ध रहेगी। यह एंबुलेंस देवीधुरा क्षेत्र में तैनात रहेगी, हालांकि इस वाहन में नर्स या फार्मासिस्ट की सुविधा उपलब्ध नहीं है।यदि DKKS का उपयोग मातृ और नवजात सेवाओं के अलावा किसी अन्य प्रकार की आपातकालीन स्वास्थ्य सेवा के लिए किया जाता है, तो इसके लिए ₹7 प्रति किलोमीटर (दोनों तरफ की दूरी मिलाकर) के अनुसार उपयोगकर्ता शुल्क लिया जाएगा।जनता से अपील है कि इस सेवा का लाभ आवश्यकता पड़ने पर उठाएं तथा जानकारी को अपने गांव, समुदाय एवं परिचितों तक अवश्य पहुंचाएं, ताकि कोई भी महिला अथवा नवजात शिशु समय पर स्वास्थ्य सेवा से वंचित न रहे। “डबल खुशियों की सवारी” सिर्फ एक एंबुलेंस नहीं, बल्कि सुरक्षित मातृत्व और नवजात जीवन रक्षा की दिशा में एक समर्पित पहल है।