: चंपावत:सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी चयन कमेटी में शामिल हैं सेतु आयोग के उपाध्यक्ष राजशेखर जोशी। पश्चिम बंगाल के सरकारी सहायता प्राप्त विश्वविद्यालय में समिति करेगी कुलपतियों का चयन। बाराही धाम देवीधुरा के किमाड़ गांव के हैं राजशेखर जोशी।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी चयन कमेटी में शामिल हैं सेतु आयोग के उपाध्यक्ष राजशेखर जोशी।
चंपावत। सुप्रीम कोर्ट द्वारा पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री एवं राज्यपाल के मध्य विवाद के चलते यहां शासकीय सहायता पर चलने वाले 31 विश्वविद्यालयों में कुलपति नियुक्त करने हेतु गठित हाई पावर चयन सूची में स्टेट इंस्टीट्यूट फॉर एंपावरिंग एंड ट्रांसफॉर्मिंग उत्तराखंड (सीटू) के उपाध्यक्ष राजशेखर जोशी को भी शामिल किया गया है। श्री जोशी का नाम पूर्व मुख्य न्यायाधीश द्वारा गठित समिति में भी शामिल था। विगत 8 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने आर्टिकल 142 में निहित अधिकारों का प्रयोग करते हुए पूर्व सीजेआई यू यू ललित की अध्यक्षता में बनी समिति को और अधिक अधिकार देते हुए विवादों के चलते कुलपतियों की नियुक्ति न होने से वहां की शिक्षा व्यवस्था पर प्रभाव को देखते हुए इस समिति को और प्रभावी बनाया है। देश के जाने- माने साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट एवं अपनी प्रतिभा के बल पर ऊंचे मुकाम में पहुंचे चंपावत जिले के पाटी ब्लाक अंतर्गत किमाड़ गांव के मूल निवासी श्री जोशी उत्तराखंड के पहले व्यक्ति हैं जिन्हें सुप्रीम कोर्ट ने गठित समिति में स्थान दिया है। मालूम हो कि कई राज्यों में मुख्यमंत्री व राज्यपालों में कुलपति के चयन में आपसी सहमति न होने के कारण सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय को दोनों ही संवैधानिक पदों में संतुलन बनाए रखने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। समिति अब सरकार द्वारा जारी विज्ञापन के आधार पर अंतिम तीन आवेदकों की शॉर्टलिस्ट तैयार कर उसे मुख्यमंत्री को सौंपेगी, उसके बाद वह राज्यपाल को देंगे। अब यदि नाम पर सहमति नहीं बनती है तो इसका उन्हें स्पष्ट कारण देना होगा,जिसमें सुप्रीम कोर्ट संज्ञान लेकर अंतिम निर्णय लेगा।
