Thursday 16th of October 2025

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चंपावत:डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन उत्तराखंड की सीएम से स्वास्थ्य उप केंद्रों में फार्मेसी अधिकारी के पदों को क्

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रिपोर्ट:लक्ष्मण बिष्ट : चंपावत:डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन उत्तराखंड की सीएम से स्वास्थ्य उप केंद्रों में फार्मेसी अधिकारी के पदों को क्

Laxman Singh Bisht

Thu, Oct 16, 2025

डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन उत्तराखंड की सीएम से स्वास्थ्य उप केंद्रों में फार्मेसी अधिकारी के पदों को क्रियाशील करने की मांगडिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन उत्तराखंड के प्रांतीय महामंत्री डॉक्टर सतीश चंद्र पांडे के नेतृत्व मे फार्मेसी अधिकारियों ने मुख्यमंत्री धामी के चंपावत दौरे के दौरान ज्ञापन के माध्यम से पर्वतीय ग्रामीण क्षेत्रो में निवास करने वाली जनता को प्राथमिक उपचार देने हेतु स्वास्थ्य उप केंद्रों में पूर्व से सृजित फार्मेसी अधिकारियों के 391 पदों को क्रियाशील किए जाने के प्रस्ताव को राज्य कैबिनेट की स्वीकृति प्रदान करवाने का निवेदन करते हुए मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया । ज्ञापन में कहा गया राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए पर्वतीय क्षेत्र के अति दुर्गम और दुर्गम स्थानों में निवास करने वाली ग्रामीण जनता को प्राथमिक उपचार उपलब्ध कराने के लिए वर्ष 2005 /6 में 536 स्वास्थ्य उप केंद्रों मे फार्मेसी अधिकारी के पदों का सृजन कर नियुक्तियां की गई थी ।कहा इन स्थानों पर फार्मेसी अधिकारियों की नियुक्तियो से दूर दराज के ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाली जनता को वर्तमान तक काफी लाभ मिल रहा था। लेकिन दिसंबर 2021 में चिकित्सा विभाग द्वारा फार्मासिस्ट संवर्ग का पुनर्गठन करते हुए स्वास्थ्य उपकेंद्र हेतु सृजित उक्त 536 पदों में से 119 पद मेडिकल कॉलेजो को आवंटित कर दिए गए थे एवं 391 पदों को स्थगित कर दिया गया था ।उक्त 391 पदो को स्थगित किए जाने से ग्रामीण क्षेत्र में जनता को मिलने वाली प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा पर बुरा असर पढ़ने जा रहा है इन पदों की अत्यंत आवश्यकता है। राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के दृष्टिगत चिकित्सा विभाग द्वारा आईपीएसएच मानको में राज्य को फ्लैक्सिबिलिटी देते हुए इन पदों को यथावत रखने का प्रस्ताव शासन को प्रेषित किया गया था। जिसे उत्तराखंड शासन के चिकित्सा विभाग एवं कार्मिक विभाग द्वारा भी सहमति प्रदान कर दी गई है और संबंधित प्रस्ताव पर कोई अतिरिक्त वित्तीय व्ययभार भी नहीं है ।कार्मिक विभाग की सहमति के बाद उक्त प्रस्ताव विगत माह राज्य कैबिनेट में भी प्रस्तुत हो चुका है। उक्त प्रस्ताव पर महोदय की स्वीकृति एवं राज्य कैबिनेट की सहमति की आवश्यकता है। उन्होंने मुख्यमंत्री से निवेदन करते हुए कहा राज्य के दुर्गम व अति दुर्गम पर्वतीय क्षेत्र में निवास करने वाली जनता को प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए पूर्व में सृजित फार्मेसी अधिकारी के 391 पदों को यथावत रखे जाने के प्रस्ताव को राज्य कैबिनेट से पारित करवाने की कृपा करे।कहा उक्त स्वास्थ्य उप केंद्र के पदों पर वर्तमान में फार्मेसी अधिकारी कार्यरत है एवं वेतन प्राप्त कर रहे हैं इसलिए राज्य पर कोई अतिरिक्त वित्तीय व्ययभार नहीं पड़ने वाला है । इसलिए इन पदों को यथार्थ रखने का प्रस्ताव जनहित से जुड़ा हुआ प्रस्ताव है। अतः महोदय से निवेदन है कि इस प्रस्ताव पर स्वीकृति एवं राज्य कैबिनेट की सहमति की आवश्यकता है जिसे देने की कृपा की जाए। कहा केंद्र सरकार के आईपीएसएच मानकों में पर्वतीय क्षेत्र में एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना के लिए 20 हजार की आबादी का मानक रखा गया है। दुर्गम पर्वतीय क्षेत्र में गांव दूर-दूर होते हैं जिससे 20 हजार की आबादी लगभग 80 से 90 किलोमीटर की दूरी में भी पूरी नहीं हो पाती है। जिससे इन स्थानों में अस्पताल की स्थापना नहीं हो पाती है यहां के लोग अस्पताल से वंचित रहते हैं। यहा उपकेंद्र में फार्मासिस्ट के पदों के माध्यम से प्राथमिक उपचार की सुविधा प्रदान की जाती रही है। प्रांतीय महामंत्री डॉ सतीश चंद्र पांडे ने कहा उन्हें पूरा विश्वास है कि मुख्यमंत्री ग्रामीण क्षेत्र की जनता के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उनकी इस मांग को अवश्य पूरा करेंगे ऐसा उन्हें पूरा विश्वास है। इस दौरान फार्मासिस्ट योगेश कन्नौजिया एवं रोशन लाल मौजूद रहे।इस दौरान फार्मासिस्ट एसोसिएशन ने सहयोग के लिए भाजपा जिला अध्यक्ष गोविंद सामंत को धन्यवाद दिया।

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