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रिपोर्ट :लक्ष्मण बिष्ट : उत्तराखंड में गुरु तेग़बहादुर दिवस की छुट्टी बदले जाने से मचा भ्रम, देर रात जारी आदेश से स्कूलों में अफरा-तफ

Laxman Singh Bisht

Mon, Nov 24, 2025

उत्तराखंड में गुरु तेग़बहादुर दिवस की छुट्टी बदले जाने से मचा भ्रम, देर रात जारी आदेश से स्कूलों में अफरा-तफ़रीउत्तराखंड सरकार द्वारा गुरु तेग़बहादुर शहिद दिवस की सार्वजनिक छुट्टी में परिवर्तन का आदेश देर रात जारी किया गया, जिसके बाद पूरे प्रदेश में स्कूलों, अभिभावकों और बच्चों के बीच भारी कन्फ़्यूज़न फैल गया। आदेश के अनुसार 24 नवम्बर 2025 को घोषित अवकाश अब बदलकर 25 नवम्बर 2025 कर दिया गया है, लेकिन आदेश की सूचना इतनी देर से पहुँची कि सुबह होते-होते कई स्कूलों में स्थिति अस्पष्ट बनी रही।देर रात जारी नोटिस का असर यह हुआ कि कई निजी स्कूलों ने पहले से ही 24 नवम्बर को छुट्टी घोषित कर रखी थी। अब नए आदेश के बाद उन्हें 25 नवम्बर को भी अवकाश देना अनिवार्य हो गया है, क्योंकि शासनादेश का पालन न करना नियमों के विरुद्ध माना जाएगा। इस वजह से स्कूलों का पूरा शेड्यूल गड़बड़ा गया है। कई स्कूलों में सुबह बच्चे तैयार होकर निकलने ही वाले थे कि रास्ते में या पैरेंट्स ग्रुप के माध्यम से छुट्टी बदलने की जानकारी मिली। इससे अभिभावकों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।लोगों का कहना है कि सरकार को यदि छुट्टी आगे-पीछे करनी ही थी, तो इसकी सूचना समय से जारी होनी चाहिए थी। देर रात आदेश जारी करने से न केवल स्कूलों के संचालन पर असर पड़ा बल्कि बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हुई। अभिभावकों ने भी इस निर्णय पर असंतोष जताते हुए कहा कि अचानक से सूचना बदलने से उन्हें सुबह से ही दौड़भाग करनी पड़ रही है।स्कूल प्रशासन का कहना है कि दो-दो दिन की अचानक छुट्टियों से क्लासों का टाइमटेबल उलट गया है और कई गतिविधियाँ आगे सरकानी पड़ेंगी। वहीं कई शिक्षकों ने भी बताया कि यदि आदेश समय रहते जारी होता, तो इतनी असुविधा न होती।लोहाघाट के एक शिक्षक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि देर रात के इस आदेश ने प्रदेश में स्पष्टता के बजाय भ्रम ही बढ़ाया है, और अब उम्मीद की जा रही है कि भविष्य में ऐसे महत्वपूर्ण बदलावों की सूचना समय पर जारी की जाए, ताकि शिक्षा व्यवस्था और आम जनता दोनों को अनावश्यक दिक्कतों से बचाया जा सके।वही अचानक लगातार तीन दिन की छुट्टी से कई बच्चों के चेहरे खिले हुए नज़र आये क्योंकि मंगलवार को भी निजी स्कूल को छुट्टी करना ज़रूरी हो गया है ,ऐसा न करना शासन के आदेशों की अवहेलना माना जाएगा और कोई भी निजी स्कूल इतना बड़ा रिस्क नहीं लेना चाहेगा।

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