Wednesday 15th of October 2025

ब्रेकिंग

लोहाघाट:त्योहारी सीजन में हो रही विद्युत कटौती से भड़के व्यापारी आंदोलन की दी चेतावनी।

चंपावत:सीएम धामी के मां पूर्णागिरी बीएड व नर्सिंग कॉलेज पहुंचने पर फूल मालाओं के साथ हुआ भव्य स्वागत

लोहाघाट:सर्प दंश से महिला गंभीर उप जिला चिकित्सालय में चल रहा उपचार। सड़क न होने से 2 किलोमीटर पैदल चल सड़क तक लाए

बाराकोट:रेगडू शिव मंदिर के महंत काशीनाथ का 94 वर्ष की आयु में निधन। क्षेत्र में शोक की लहर

अटल उत्कृष्ट जीआईसी बाराकोट में शिक्षक बने छात्र। छात्र नजर आए शिक्षक की भूमिका में ।

: लोहाघाट में वर्षो से बंद पड़े प्राचीन जलस्रोत को पुनर्जीवित कर पिता-पुत्र ने समाज व प्रशासन को दिखाया आईना

Laxman Singh Bisht

Sat, Apr 22, 2023
बरसों से बंद पड़े प्राकृतिक जलस्रोत की सफाई कर पिता-पुत्र ने समाज व प्रशासन को दिखाया आईना जहां एक और क्षेत्र में पेयजल के लिए हाहाकार मचा हुआ है लोग पानी के लिए तरस रहे हैं लोग प्रशासन व जल संस्थान को कोसते नजर आ रहे हैं वही लोगों के द्वारा प्राचीन नोलो और धारो का संरक्षण नहीं किया गया जिस कारण यह प्राचीन शुद्ध पेयजल के स्रोत अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहे है वही लोहाघाट के तल्ला चांदमारी क्षेत्र में रहने वाले पिता-पुत्र ने समाज व प्रशासन को आईना दिखाया है सिंचाई विभाग से सेवानिवृत्त पुष्कर सिंह बोहरा व उत्तराखंड पुलिस में तैनात उनके पुत्र अमर सिंह ने बरसों से तल्ला चांदमारी क्षेत्र में बदहाल पड़े प्राचीन नोले की साफ-सफाई कर उसे फिर से पुनर्जीवित करा प्राचीन नोला गाद भरने से पूरी तरह बंद हो चुका था लेकिन पिता पुत्र के द्वारा इस नोले को पुनर्जीवित करने की ठानी और दोनों फावड़ा व बेलचा लेकर नोले की सफाई में जुट गए और कड़ी मेहनत के बाद वर्षो से बंद पड़े नोले को पूरी तरह साफ कर दिया एक बार फिर से नोला लोगों को पेयजल देने के लिए तैयार हो गया है मालूम हो कभी यही नोला तल्लाचांदमारी क्षेत्र के लोगों की पेयजल की आपूर्ति करता था लेकिन धीरे-धीरे लोगों की अपेक्षा के बाद नोला पूरी तरह गाद भरने से बंद हो गया वही पिता पुत्र के द्वारा प्रशासन, ग्रामसभा व लोगों को आईना भी दिखाया गया जिनके द्वारा प्राचीन जल स्रोतों को बचाने के लिए नारे तो लगाए जाते हैं और उनको बचाने के लिए कार्य नहीं किए जाते हैं वही लोगों के द्वारा पिता पुत्र के कार्य की सराहना करी गई वही लोगों को पेयजल समस्या से निजात पाने के लिए अपने अपने पूर्वजों की यह अनमोल धरोहर प्राचीन जल स्रोतों को पुनर्जीवित करना पड़ेगा जो कि समाज की नैतिक जिम्मेदारी भी बनती है हर काम प्रशासन या सरकार के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता है

जरूरी खबरें