रिपोर्ट :लक्ष्मण बिष्ट : टनकपुर डंपिंग जोन मे लगी आग पर त्वरित कार्रवाई, जनपद में लिगेसी वेस्ट निस्तारण परियोजनाओं को राज्य स्तरीय समि
Laxman Singh Bisht
Mon, Nov 17, 2025
टनकपुर डंपिंग जोन मे लगी आग पर त्वरित कार्रवाई, जनपद में लिगेसी वेस्ट निस्तारण परियोजनाओं को राज्य स्तरीय समिति की मंज़ूरी
अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका टनकपुर दीपक बुदलाकोटी ने अवगत कराया कि डंपिंग स्थल पर असामाजिक तत्वों द्वारा कूड़े में लगाई गई आग की सूचना मिलते ही नगरपालिका प्रशासन सक्रिय हो गया। प्रातःकाल ही फायर ब्रिगेड की टीम को मौके पर भेजा गया, जिसने त्वरित कार्रवाई करते हुए आग पर पूरी तरह काबू पा लिया। समय रहते आग बुझा दिए जाने से किसी बड़े नुकसान की स्थिति उत्पन्न नहीं हुई। भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने हेतु स्थल पर निगरानी बढ़ाने और आवश्यक सतर्कता बरतने के निर्देश भी जारी किए गए हैं।वहीं स्वच्छ भारत मिशन 2.0 के अंतर्गत लीगेसी वेस्ट निस्तारण एवं ठोस अपशिष्ट प्रबंधन परियोजनाओं के लिए धन आवंटन पर विचार-विमर्श किए जाने के संबंध में मुख्य सचिव, उत्तराखंड शासन की अध्यक्षता में गठित स्टेट हाई पावर कमेटी बैठक दिनांक 31.10.2025 को आयोजित की थी। बैठक में जनपद चंपावत के टनकपुर, चंपावत एवं लोहाघाट नगर निकायों में लिगेसी वेस्ट के निस्तारण हेतु भेजे गए प्रस्तावों को समिति द्वारा अनुमोदन प्रदान किया गया, जिससे जिले में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन कार्यों को गति मिलेगी तथा पर्यावरणीय मानकों के अनुरूप वैज्ञानिक तरीके से अपशिष्ट निस्तारण सुनिश्चित हो सकेगा।जनपद चंपावत के तीनों नगर निकायों द्वारा लीगेसी वेस्ट के उपचार एवं वैज्ञानिक निस्तारण हेतु भेजे गए प्रस्तावों को स्टेट हाई पावर कमेटी द्वारा स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। स्वीकृत प्रस्तावों का विवरण इस प्रकार है—
*नगर पालिका परिषद्, टनकपुर*
लीगेसी वेस्ट की कुल मात्रा: 11,223.47 मीट्रिक टन
उपचार एवं निस्तारण की प्रस्तावित लागत: ₹76.34 लाख
*नगर पालिका परिषद्, लोहाघाट*
लीगेसी वेस्ट की कुल मात्रा: 13,648.08 मीट्रिक टन
उपचार एवं निस्तारण की प्रस्तावित लागत: ₹117.01 लाख
*नगर पालिका परिषद्, चम्पावत*
लीगेसी वेस्ट की कुल मात्रा: 10,731.00 मीट्रिक टन
उपचार एवं निस्तारण की प्रस्तावित लागत: ₹77.77 लाख
इन तीनों प्रस्तावों को समिति द्वारा अनुमोदन प्राप्त होने से जनपद में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन एवं लीगेसी वेस्ट निस्तारण की प्रक्रिया को गति मिलेगी, साथ ही वैज्ञानिक मानकों के अनुरूप स्वच्छता कार्यों के प्रभावी क्रियान्वयन का मार्ग प्रशस्त होगा।