रिपोर्ट: लक्ष्मण बिष्ट 👹👹 : लोहाघाट:72 साल पुराने स्कूल भवन की टपकती छत के नीचे पढ़ने को मजबूर नोनिहाल।

एसएमसी बैठक में अभिभावकों ने जताई नाराजगी नए स्कूल भवन निर्माण की उठाई मांग।एक और उत्तराखंड सरकार सरकारी विद्यालयों की दशा सुधारने के दावे करती है। सरकार व शिक्षा मंत्री के दावो में कितना दम है इसका जीता जागता उदाहरण है लोहाघाट नगर का रा0आदर्श प्राथमिक विद्यालय का भवन ।हालांकि शिक्षा विभाग ने इसे आदर्श विद्यालय तो घोषित तो कर दिया है पर आज भी नोनिहाल 72 साल पुराने जर्जर भवन के नीचे पढ़ने को मजबूर है कभी भी उनके साथ कोई हादसा हो सकता है। बरसात आने पर विद्यालय भवन की छत टपकने लगती है। विद्यालय के प्रधानाचार्य महेश चंद्र उप्रेती ने अपने प्रयासों से छत में पॉलिथीन लगवाई है।
विद्यालय भवन की बदहाली पर एसएमसी की बैठक में अभिभावकों ने गहरी नाराजगी जताते हुए सरकार व शिक्षा विभाग से नए विद्यालय भवन के निर्माण की मांग की है। अभिभावकों का कहना है कई बार जिलाधिकारी व शिक्षा विभाग से नए भवन निर्माण की मांग की गई। पर कोई सुनने को तैयार नहीं है। कहा मानसून काल चल रहा है अगर बच्चों के साथ कोई दुर्घटना होती है तो उसकी जिम्मेदार सरकार, जिला प्रशासन व शिक्षा विभाग रहेगा ।अभीभावको ने कहा जब लोहाघाट नगर के प्राथमिक विद्यालय की यह दशा है तो गांव के विद्यालय का हाल क्या होगा। विद्यालय के प्रधानाचार्य महेश चंद्र उप्रेती का भी मानना है विद्यालय भवन काफी पुराना हो चुका है विद्यालय को जल्द नए भवन की आवश्यकता है।
कहा 1953 में बना हुआ अब भवन काफी पुराना हो चुका है दीवारों में दरारें आ चुकी है विद्यालय की छत टपकने लगी है। उप्रेती ने कहा कई बार विभागीय अधिकारियों को भवन निर्माण के लिए पत्र लिखा गया पर अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। वही नगर के लोगों का कहना है यह शिक्षा विभाग व सरकार की घोर लापरवाही है लगता है शिक्षा विभाग व शिक्षा मंत्री विद्यालय में किसी बड़ी दुर्घटना का इंतजार कर रहे है। अब देखना है सरकार व शिक्षा विभाग कब जागता है। लोहाघाट के जनप्रतिनिधियों की नजर भी शिक्षा के इस मंदिर पर नहीं पड़ती है।