Wednesday 15th of October 2025

ब्रेकिंग

सीएम धामी ने श्रमवीरों के कल्याण के लिए ₹11 करोड़ 50 लाख की आर्थिक सहायता डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरित की

चंपावत:बनबसा में एकीकृत जांच चौकी निर्माण को केंद्र की मिली हरी झंडी

लोहाघाट:डनगांव में आयुष्मान आरोग्य मंदिर डुगरा बोरा ने लगाया निशुल्क चिकित्सा शिविर।

चंपावत:लधिया घाटी महोत्सव का जिला पंचायत सदस्य सोनू बोहरा ने किया शुभारंभ

लोहाघाट:प्रस्तावित बगोटी गंगेश्वर सड़क का नाम शहीद हरि सिंह मोटर मार्ग करने एवं सड़क निर्माण और सुधारीकरण की मांग tle

रिपोर्ट:लक्ष्मण बिष्ट 👹👹 : लोहाघाट:शिक्षक नरेश जोशी को मिला राज्य का सबसे बड़ा शैलेश मटियानी शैक्षिक पुरस्कार।

Laxman Singh Bisht

Fri, Mar 21, 2025

*दूरस्थ क्षेत्र के विद्यार्थियों को नई पहचान दिलाने वाले शिक्षक नरेश जोशी को मिला राज्य का सबसे बड़ा शैलेश मटियानी शैक्षिक पुरस्कार।*

लोहाघाट। दूरस्थ क्षेत्र में शिक्षा के स्तर को ऊंचा करने के लिए जनपद चम्पावत के विकास खंड लोहाघाट के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय पासम के शिक्षक नरेश जोशी को वर्ष 2024 का शैलेश मटियानी राज्य शैक्षिक पुरस्कार प्राप्त हुआ है। यह पुरस्कार उन शिक्षकों को दिया जाता है जो शिक्षा के क्षेत्र में अपने उत्कृष्ट कार्यों और प्रयासों से समाज में सकारात्मक बदलाव लाते हैं। इस पुरस्कार को प्राप्त करना न केवल नरेश जोशी के लिए, बल्कि पूरे शिक्षा क्षेत्र के लिए एक गर्व का विषय है, क्योंकि उन्होंने अपने कार्यों से साबित किया कि कठिन परिस्थितियों में भी शिक्षा का स्तर ऊंचा किया जा सकता है।नरेश जोशी ने अपने करियर की शुरुआत 2009 में दूरस्थ क्षेत्र के राजकीय प्राथमिक विद्यालय कुलोली से की थी। श्री जोशी ने 2017 से दूरस्थ के विद्यालय राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय पासम में एक विज्ञान शिक्षक के रूप में पदोन्नति प्राप्त की थी। उन्होंने राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय पासम में प्रभारी प्रधानाध्यापक के रूप में कार्य करते हुए विद्यालय की पूरी कार्यप्रणाली को संवारने का कार्य किया। उनके निर्देशन में विद्यालय ने न केवल शैक्षिक दृष्टिकोण से वृद्धि की, बल्कि विद्यालय के छात्रों ने विभिन्न शैक्षिक गतिविधियों और प्रतियोगिताओं में भाग लेकर जिले से लेकर राज्य स्तर तक अपनी पहचान बनाई। उनके प्रयासों से विद्यालय में नियमित छात्र संख्या में बृद्धि हुई, जो विधार्थी पहले दूरस्थ स्थानों के कारण शिक्षा से वंचित थे उन छात्रों को बेहतर शिक्षा देने के लिए कई नवाचारों को अपनाकर शिक्षा के लिये प्रेरित किया। बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने विशेष ध्यान दिया, ताकि बालिकाओ को भी समान अवसर मिल सकें। इसके साथ ही समावेशी शिक्षा और एकोर्ट योजना के माध्यम से उन्होंने दूरस्थ के बच्चों को लाभान्वित किया, ताकि कोई भी बच्चा पीछे न रहे। उन्होंने कंप्यूटर शिक्षा और स्मार्ट कक्षाओं की शुरुआत की, जिससे छात्रों को आधुनिक शिक्षा प्राप्त हो रही है। इन प्रयासों के परिणामस्वरूप, विद्यालय के विद्यार्थियों ने जवाहर नवोदय विद्यालय और अन्य छात्रवृत्ति परीक्षाओं में सफलता प्राप्त की, जो उन बच्चों के लिए एक सपना सा था, जो पहले शिक्षा के अवसरों से वंचित थे। नरेश जोशी का शिक्षण कार्य के अलावा, उनका विज्ञान के प्रति समर्पण भी उल्लेखनीय है। वे राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस, विज्ञान महोत्सव, और इंसपायर अवार्ड जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रमों के जनपद में आयोजन में एक प्रमुख भूमिका निभाते हैं। इन कार्यक्रमों के माध्यम से उन्होंने छात्रों को विज्ञान के प्रति जागरूक किया और उन्हें वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने के लिए प्रेरित किया।श्री जोशी के निर्देशन में दर्जनों विद्यार्थियों द्वारा जिला राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर अपने वैज्ञानिक नवाचार प्रस्तुत किये जा चुके हैं।श्री जोशी जनपद में साक्षर भारत योजना के मुख्य संदर्भ व्यक्ति के रूप में कार्य कर चुके हैं, जहां उन्होंने असाक्षरों को साक्षर बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके अलावा, नरेश जोशी कंप्यूटर कार्य में दक्ष होने के कारण शिक्षा विभाग के विभिन्न कार्यक्रमों में मास्टर ट्रेनर के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने टीचिंग लर्निंग मटेरियल और शिक्षक प्रशिक्षण से जुड़े कई कार्यक्रमों का आयोजन किया, जिससे शिक्षकों को नई तकनीकों और शिक्षण विधियों की जानकारी प्राप्त हुई।शैलेश मटियानी राज्य शैक्षिक पुरस्कार शिक्षा क्षेत्र में किए गए उत्कृष्ट कार्य के लिए दिया जाता है। इस पुरस्कार के तहत नरेश जोशी को 2 वर्षों का सेवा विस्तार और 20,000 रुपये का नकद पुरस्कार प्राप्त होगा । श्री जोशी ने इस पुरस्कार की राशि को अपने विद्यालय के विकास में खर्च करने का निर्णय लिया है, जिससे विद्यालय में और बेहतर शैक्षिक सुविधाएं उपलब्ध हो सकें। उनकी यह सोच और कार्यप्रणाली विद्यालय और बच्चों के लिए एक बेहतरीन उदाहरण है।नरेश जोशी की इस शानदार उपलब्धि पर न केवल उनके विद्यालय और क्षेत्र के लोग बल्कि पूरे जिले के शिक्षकों और अधिकारियों ने उन्हें बधाई दी है। मुख्य शिक्षा अधिकारी मेहरबान सिंह बिष्ट, जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक मान सिंह, माध्यमिक पीएस जनपांगी खंड शिक्षा अधिकारी भारत जोशी, राधेश्याम खर्कवाल घनश्याम भट्ट प्रधानाचार्य उमेद सिंह बिष्ट जिला विज्ञान समन्वयक ललित मोहन बोहरा, और प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष गोविंद बोहरा उपाध्यक्ष जीवन मेहता जूनियर शिक्षक संघ के रमेश देव माध्यमिक शिक्षक संघ के जगदीश अधिकारी मिनिस्ट्रीयल संघ के नागेंद्र जोशी समेत कई अन्य अधिकारियों और शिक्षकों ने उन्हें इस पुरस्कार पर बधाई दी।इस पुरस्कार के प्राप्तकर्ता के रूप में नरेश जोशी सबसे कम उम्र में और सबसे कम सेवा अवधि में शैलेश मटियानी पुरस्कार पाने वाले शिक्षक बन गए हैं। यह उनकी मेहनत, समर्पण और शिक्षा के प्रति उनके दृष्टिकोण का प्रमाण है। उनका यह सम्मान न केवल उनके लिए एक व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि यह उनके विद्यालय और समाज के लिए भी एक प्रेरणा का स्रोत बन गया है।नरेश जोशी की शिक्षा के क्षेत्र में यात्रा एक प्रेरणास्त्रोत है, क्योंकि उन्होंने जीवन की कठिनाइयों और सीमाओं को पार करते हुए एकल शिक्षक के रूप में दूरस्थ के विद्यालय का संचालन कर अपने प्रयासों से शिक्षा के स्तर को ऊंचा किया। उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण ने यह सिद्ध कर दिया है कि यदि इरादा मजबूत हो और शिक्षा के प्रति लगन सच्ची हो, तो कोई भी मुश्किल रास्ता आसान हो सकता है।उनकी इस सफलता ने यह भी दिखाया कि अगर शिक्षकों को सही मार्गदर्शन और अवसर मिले, तो वे न केवल बच्चों की शिक्षा में सुधार कर सकते हैं, बल्कि समाज में भी सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। नरेश जोशी का यह सम्मान केवल उनके व्यक्तिगत प्रयासों का परिणाम नहीं है, बल्कि यह इस बात का प्रतीक है कि जब शिक्षक अपने कार्य में पूरी तरह से समर्पित होते हैं, तो वे समाज की दिशा बदल सकते हैं।

जरूरी खबरें