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जनसंख्या शिक्षा के मंच तक चंपावत का चमकता कारवाँ चला देहरादून।शिक्षक उपाध्याय के नेतृत्व में एनपीईपी की टीम

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रिपोर्ट लक्ष्मण बिष्ट : जनसंख्या शिक्षा के मंच तक चंपावत का चमकता कारवाँ चला देहरादून।शिक्षक उपाध्याय के नेतृत्व में एनपीईपी की टीम

Laxman Singh Bisht

Fri, Dec 26, 2025

जनसंख्या शिक्षा के मंच तक चंपावत का चमकता कारवाँ चला देहरादून।शिक्षक उपाध्याय के नेतृत्व में एनपीईपी की टीम हुई रवाना।चंपावत। शिक्षा के बदलते परिदृश्य में जब ज्ञान केवल पुस्तकों तक सीमित न रहकर अनुभवों के विस्तार तक पहुँच रहा है, ऐसे समय में चंपावत जनपद की राज्य स्तरीय टीम का राष्ट्रीय जनसंख्या शिक्षा कार्यक्रम के लिए रवाना होना न केवल एक प्रतियोगी यात्रा है, बल्कि जन जागरूकता और संवेदनशील नागरिकता की ओर बढ़ता हुआ एक सार्थक कदम भी है। जिले की इस टीम का नेतृत्व शैक्षिक जगत में अपनी दक्षता और समर्पण से पहचान बनाने वाले अनुभवी शिक्षक प्रकाश चन्द्र उपाध्याय कर रहे हैं। उनके मार्गदर्शन में राउमावि खूनाबोरा की छात्राएं लोक नृत्य के माध्यम से जनसंख्या शिक्षा एवं पर्यावरण जागरूकता का संदेश देने एवं सांस्कृतिक चेतना को अभिव्यक्त करेंगी, जबकि राइका किमतोली के छात्र रोल प्ले द्वारा सामाजिक उत्तरदायित्व, स्वास्थ्य, संसाधन एवं जनसंख्या शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण विषयों को मंच पर प्रस्तुत करेंगे। टीम के साथ मार्गदर्शक शिक्षिका के रूप में पूनम त्रिपाठी की उपस्थिति बच्चों के उत्साह में और ऊर्जा भर रही है।टीम को रवाना करते समय मुख्य शिक्षा अधिकारी मेहरबान सिंह बिष्ट, जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक मान सिंह, प्रभारी प्राचार्य डी एस खेतवाल, एनपीईपी समन्वयक शिवराज सिंह तड़ागी, प्रधानाचार्य खीमानंद पाण्डेय, प्रधानाचार्य मुरली मनोहर, मार्गदर्शक भूपेन्द्र देव ताऊ और अभिभावकों ने बच्चों को सफलता, अनुशासन और सकारात्मक सोच का संदेश दिया।प्रकाश उपाध्याय ने इस अवसर पर कहा कि राष्ट्रीय जनसंख्या शिक्षा कार्यक्रम का मूल लक्ष्य विद्यार्थियों में स्वस्थ समाज के निर्माण हेतु जागरूक दृष्टिकोण विकसित करना है। उनके शब्दों में छिपा विश्वास स्पष्ट करता है कि यह टीम केवल प्रतिस्पर्धा नहीं एक संदेश लेकर मैदान में उतर रही है।टीम के बच्चों में जो उत्साह दिखाई दिया, वह केवल प्रतियोगिता का नहीं बल्कि सीखने की उस प्रक्रिया का हिस्सा था, जो उन्हें जीवन भर याद रहेगा। महीनों की तैयारी, सामूहिक अभ्यास और टीमवर्क ने बच्चों की क्षमताओं को निखारा है।

(पहली रेल यात्रा से बच्चों के जीवन में उतरा रोमांच का नया रंग।)चंपावत। इस यात्रा का एक भावनात्मक और रोमांचक पहलू यह रहा कि टीम के सभी बच्चों ने अपने जीवन की पहली रेल यात्रा की। पहाड़ के बच्चों ने रेलवे स्टेशन की हलचल, इंजन की सीटी और डिब्बों की आवाजाही को पहली बार करीब से महसूस किया। उनके चेहरों पर उमंग और कौतूहल देखने लायक था। शिक्षकों और अभिभावकों के अनुसार, यह अनुभव उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने और उनकी दृष्टि को विस्तृत करने में अहम भूमिका निभाएगा। शैलेश मटियानी राज्य उत्कृष्ट पुरस्कार प्राप्त शिक्षक प्रकाश चन्द्र उपाध्याय वर्षों से बच्चों को रेल यात्रा का यह अनुभव देते आ रहे हैं, ताकि शिक्षा केवल कक्षा तक सीमित न रहकर जीवन से जुड़ सके। यही संवेदनशीलता उन्हें विशिष्ट शिक्षा पुरोधा की श्रेणी में खड़ा करती है। चंपावत की यह टीम केवल प्रतियोगिता में भाग लेने नहीं जा रही, बल्कि संदेश दे रही है कि जब शिक्षा का हाथ बच्चों के अनुभवों से जुड़ जाता है, तो वे सिर्फ सफल प्रतिभागी नहीं, बल्कि जागरूक नागरिक बनकर उभरते हैं।

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