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: हल्द्वानी:ड्रोन दीदी परियोजना के तहत पूनम दुर्गापाल बनी ड्रोन से खेती करने वाली पहली महिला किसान

Laxman Singh Bisht

Sat, Mar 2, 2024
ड्रोन दीदी परियोजना के तहत पूनम दुर्गापाल बनी ड्रोन से खेती करने वाली पहली महिला किसान हल्द्वानी खेती किसानी में महिलाओं की हिस्सेदारी हमेशा से ज्यादा रही है नैनीताल जिले के मोटाहल्दू के रहने वाली पूनम दुर्गापाल ड्रोन उड़ने वाली जिले की पहली महिला किसान पायलट बनी है ड्रोन के माध्यम से खेतों में उर्वरक और कीटनाशक दवाइयां को छिड़काव कर रही है केंद्र सरकार की ड्रोन दीदी परियोजना के तहत महिलाओं को स्वरोजगार और आत्मनिर्भर बनाने के लिए चलाए जा रहे योजना के तहत इफ्को ने उत्तराखंड के चार महिलाओं को निशुल्क ड्रोन और ड्रोन संचालन के लिए गाड़ी उपलब्ध कराया है जिसके तहत यह महिलाएं अब अपने खेतों के साथ-साथ दूसरे किसानों के खेतों की फसलों पर कीटनाशक दवाइयां और उर्वरक की छिड़काव करेगी एन आरएलएम महिला समूह से जुड़ी नैनीताल जिले की मोटाहल्दु निवासी पूनम दुर्गापाल के साथ-साथ देहरादून की पूजा गौड़ खटीमा की कमलजीत कौर और रुद्रपुर की शुभ्रा उत्तराखंड की ड्रोन दीदी बनी है इफको की ओर से इन महिलाओं को प्रशिक्षण के लिए हरियाणा भेजा गया था जहां 15 दिन के परीक्षण के बाद महिलाएं अब ड्रोन उड़ाने में महारथ हासिल कर खेतों में ड्रोन के माध्यम से उर्वरक और रसायनों की छिड़काव कर रही हैं पूनम दुर्गापाल ने बताया कि पहले खेतों में रसायन की छिड़काव के लिए मैन्युअल या पीठ पर गैलन के माध्यम से खेतों में उर्वरक और रसायन का छिड़काव करते थे लेकिन अब ड्रोन विधि से खेतों में उर्वरक और रसायन का छिड़काव कर रहे हैं. इस विधि से जहां 10 मिनट में 1 एकड़ खेतों में छिड़काव हो जा रहा है जबकि पहले कई घंटे समय लगते थे. पूनम दुर्गापाल ने बताया कि किसानों के खेतों में उर्वरक छिड़काव के लिए प्रति एकड़ ₹300 रेट रखा गया है. यहां तक कि ड्रोन को लाने- ले जाने के लिए इफ्को ने कैरी वाहन और जनरेटर भी उपलब्ध कराया है.ड्रोन की खासियत यह है कि 10 मिनट में करीब 1 एकड़ फसल पर कीटनाशक और उर्वरक का छिड़काव कर सकता है इसके अलावा एक दिन में 20 एकड़ तक छिड़काव करने की क्षमता है इसमें कैमरा भी लगाया गया है जिससे कि काम करने के दौरान तस्वीरों को साफ देखा जा सके और इन तस्वीरों वीडियो और फोटो भी खींची जा सकती है. अधिकारियों के अनुसार कृषि ड्रोन अनुप्रयोगों से समय और इस ड्रोन योजना के माध्यम से ड्रोन उर्वरकों और कीटनाशकों के छिड़काव में सहायता मिलेगी. कीटनाशक की बचत होगी और यह बहुत लागत प्रभावी है. अधिकारियों के अनुसार कीटनाशक छिड़काव के दौरान इससे मानव स्वास्थ्य पर कीटनाशकों का प्रभाव भी कम होगा ड्रोन का उपयोग खेती के लिए कितनी फायदेमंद किसी भी फसल में अचानक बीमारी आ जाने के कारण स्प्रे करना असंभव होता था.अब इस ड्रोन तकनीक से एक बार में काफी बड़े एरिया में छिड़काव किया जा सकेगा. इससे दवा और समय दोनों की बचत होगी. पहले समय के अभाव में किसान दवा का छिड़काव नहीं कर पाते थे जिससे फसलों में कीड़े लग जाते थे और फसलें बर्बाद होती थीं मगर अब ड्रोन से एक भी बार में ज्यादा एकड़ में छिड़काव हो सकेगा.

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