: चंपावत:जिला अस्पताल के डॉक्टरो में रोगियों को निजी चिकित्सालय में भेजने का लगा आरोप

जिला अस्पताल के डॉक्टरो में रोगियों को निजी चिकित्सालय में भेजने का लगा आरोप
चंपावत जिला चिकित्सालय में प्रसव के लिए गई महिला का प्रसव न करा कर वहां तैनात नर्स का यह कहना कि महिला का यहां प्रसव संभव नहीं है इसे निजी चिकित्सालय ले जाओ। महिला को जिला अस्पताल से बमुश्किल थोड़े से फैसले में स्थित निजी अस्पताल में ले जाने के बाद सामान्य प्रसव हो गया। जिसके लिए महिला को साठ हजार रुपए का बिल भी थमा दिया गया। नर्स द्वारा बगैर प्रसुता को देखें निजी अस्पताल में भेजने का क्या मतलब था ? यह तो वही जाने लेकिन इस घटना के चर्चा में आने के बाद लोग ने आरोप लगाते हुए कहा कि जिला अस्पताल के कुछ विशेषज्ञ डॉक्टर विभाग से मोटा वेतन व एनपीए लेने के बावजूद पर्दे के पीछे निजी अस्पताल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। यही चिकित्सक जिला अस्पताल में मशीन खराब होने एवं अन्य बहाने बनाकर रोगियों को निजी अस्पताल में जाने की सलाह दे रहे हैं। खेतीखान के सुरेश डूंगरिया के साथ भी यही हुआ उनके पुत्रवधू का पथरी का ऑपरेशन करना था जिसे डॉक्टरों द्वारा ही निजी अस्पताल जाने की सलाह दी गई। जहां तिमारदार द्वारा आयुष्मान कार्ड देने के बावजूद पन्द्रह हजार रुपए मांगने की बात मीडिया में सुर्खियां लिए हुए हैं। लोगो ने कहा यह अघोषित रूप से उस जिले में हो रहा है जहां स्वयं मुख्यमंत्री जिले का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
वही लोहाघाट नगर पालिका के निवर्तमान अध्यक्ष गोविंद वर्मा का कहना है कि आयुष्मान कार्ड देने के बावजूद भी निजी अस्पताल संचालक द्वारा रूपयों की मांग करना एवं जिला अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा भी निजी अस्पताल में सेवाएं देना तथा मरीज को वहां भिजवाने में सहायक बनना एक गंभीर मामला है। यह मुख्यमंत्री की छवि खराब करना है, जिसे तत्काल रोका जाना चाहिए वही
ग्राम प्रधान व कांग्रेस नेता एडवोकेट भुवन चौबे का कहना है कि आज आयुष्मान कार्ड के जरिए मुफ्त इलाज मिलने की स्वयं प्रधानमंत्री गारंटी दे रहे हैं। ऐसी स्थिति में मनमानी करने वाला कोई दमदार व्यक्ति ही हो सकता है ? यदि ऐसे लोगों पर जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग कार्यवाही नहीं कर सकता है तो प्रधानमंत्री की गारंटी का क्या होगा ?
इनके अलावा क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता मनोज कापड़ी का कहना है कि यह ऐसा गंभीर प्रकरण है जो सीधे लोगों के स्वास्थ्य व जेब से जुड़ा हुआ है। जिला अस्पताल में जहां डाक्टर समेत सभी दवाएं सरकार दे रही है तो क्यों नहीं वहां रोगियों का उपचार किया जाता है। जबकि जिला पंचायत की बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष व सीडीओ जिला अस्पताल से रोगियों को अन्यत्र रेफर करने पर अपनी कड़ी आपत्ति व्यक्त चुके हैं। लोगों ने कहा कौन है वह दमदार व्यक्ति जो मुख्यमंत्री के जिले में यह सब कर रहा है तथा आयुष्मान कार्ड जमा करने के बावजूद निजी अस्पताल के द्वारा रोगियो से रुपए मांगना क्या प्रधानमंत्री मोदी की गारंटी को धूमिल करना तो नहीं लोगों ने मामले की जांच करने की मांग उठाई है



