रिपोर्ट:लक्ष्मण बिष्ट 👹👹 : लोहाघाट:जिला चिकित्सालय में बताया ऑपरेशन लोहाघाट उप जिला चिकित्सालय में हुई नॉर्मल डिलीवरी ।

जिला चिकित्सालय में मशीन न होने के चलते नवजात को हल्द्वानी किया रेफरलोहाघाट:जिस गर्भवती महिला का चंपावत जिला चिकित्सालय मे ऑपरेशन करने की बात कही गई वही लोहाघाट उप जिला चिकित्सालय की महिला चिकित्सक ने महिला की नॉर्मल डिलीवरी कराई ।लोहाघाट के ट्रेजरी क्षेत्र में रहने वाली रचना कार्की (28) पत्नी लक्ष्मण सिंह कार्की को सोमवार रात 9:30 बजे के लगभग प्रसव पीड़ा हुई जिसके बाद परिजन व पड़ोसी रचना को लोहाघाट उप जिला चिकित्सालय लाए
जहां गर्भवती महिला का बीपी बढ़ा हुआ देख चिकित्सा स्टाफ़ ने चंपावत जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया परिजन रात में गर्भवती महिलाओं को जिला चिकित्सालय चंपावत लाए। परिजनों ने बताया जिला चिकित्सालय में चिकित्सा स्टाफ के द्वारा गर्भवती महिला का बीपी बड़ा होने व अन्य समस्याओं की बात कह कर ऑपरेशन करने या सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी ले जाने को कहा गया। जिसके बाद परिजन गर्भवती महिला को लोहाघाट आवास मे लाए ।
मंगलवार सुबह परिजन महिला को एक बार फिर लोहाघाट उप जिला चिकित्सालय लाए ,जहां गाइनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर मृणालिनी के द्वारा महिला की नॉर्मल डिलीवरी कराई गई महिला ने बच्ची को जन्म दिया ।वही नॉर्मल डिलीवरी होने पर परिजनों ने राहत की सांस लेते हुए डॉक्टर मृणालिनी व नर्सिंग स्टाफ का आभार जताते हुए धन्यवाद दिया। डॉक्टर मृणालिनी ने बताया मरीज का बीपी काफी बड़ा हुआ था तथा लोहाघाट उप जिला चिकित्सालय में सुविधा न होने के कारण मरीज को रात में रेफर किया गया था पर सुबह मरीज को उनके पास लाया गया जिसके बाद गर्भवती का सुरक्षित प्रसव कराया गया उन्होंने कहा बच्ची का वजन काफी कम है तथा अन्य समस्याओं को देखते हुए जिला चिकित्सालय चंपावत रेफर कर दिया गया है ।
वही चंपावत जिला चिकित्सालय में जीवन रक्षक मशीन ना होने तथा गंभीर हालात होने के चलते नवजात बच्ची को सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी रैफर कर दिया गया। प्रसव मे नर्सिंग स्टाफ की नजमा ,बबीता व राखी के द्वारा सहयोग किया गया। वहीं लोगों ने कहा लोहाघाट उप जिला चिकित्सालय में स्त्री रोग विशेषज्ञ की तैनाती के बाद गर्भवती महिलाओं व अन्य महिलाओं को काफी सुविधा मिल रही है।
लेकिन चंपावत जिला अस्पताल में मशीन ना होने के कारण नवजात की जान बचाने के लिए एक बार फिर परिजनों को हल्द्वानी की दौड़ लगानी पड़ रही है जो काफी दुर्भाग्यपूर्ण है।