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रिपोर्ट: लक्ष्मण बिष्ट : चंपावत: हिल से दिल तक कुमाऊं कार रैली का शुभारंभ सेना की धरती से गूंजा सामंत का स्वर

Laxman Singh Bisht

Mon, Sep 15, 2025

..हिल से दिल तक कुमाऊं कार रैली का शुभारंभ सेना की धरती से गूंजा सामंत का स्वर चम्पावत, 15 सितम्बर का दिन इतिहास में दर्ज हो गया, जब आर्मी की भव्य एवं सार्थक पहल “हिल से दिल तक – कुमाऊँ कार रैली 2025”, जो कि कुमाऊँ की पहली कार रैली है, के मंच से कुमाऊँ के सुपुत्र एवं सुप्रसिद्ध लोकगायक बी.के. सामंत जी का बहुप्रतीक्षित गीत “कश्मीर बॉर्डर” लॉन्च हुआ।यह गीत चम्पावत के वीर सपूत, शहीद बलिदानी सैनिक शिरोमणि चिलकोटी की वास्तविक कहानी पर आधारित है। इसे सामंत ने स्वयं लिखा, संगीतबद्ध किया और अपनी आवाज़ में गाया है। यह केवल एक गीत का विमोचन नहीं, बल्कि मातृभूमि के प्रति समर्पण, सीमाओं पर डटे वीर सैनिकों की वीरता और उत्तराखंड की आत्मा का गौरवपूर्ण उत्सव है।“हिल से दिल तक – कुमाऊँ कार रैली 2025” बनबसा, टनकपुर, चम्पावत और पिथौरागढ़ से होती हुई आदि कैलाश और ओम पर्वत की पावन धरा तक जाएगी। यह केवल सीमांत क्षेत्रों की संस्कृति और पर्यटन को ही नहीं, बल्कि सीमा पर डटे वीर जवानों के अदम्य साहस को भी दुनिया तक पहुँचाने का माध्यम बनेगी।

कार्यक्रम मे मुख्य अतिथि : लेफ्टिनेंट जनरल डी. जी. मिश्रा, एवीएसएम, जीओसी उत्तर भारत एरिया

गेस्ट ऑफ ऑनर : ब्रिगेडियर विनोद सिंह रौतेला, ब्रिग क्यू उत्तर भारत एरिया, विशिष्ट अतिथि : ब्रिगेडियर गौतम पठानिया, कमांडर 119 इन्फैंट्री ब्रिगेड अतिथि : कर्नल रोहित एवं कर्नल भूपेश इन्फ्लुएंसर्स विक्रम अधिकारी, दीपा मटेला,भुवन काण्डपाल सूचना विभाग नई दिल्ली सहित आर्मी अधिकारी एवं जवान मौजूद रहे।

(शौर्यगाथा और भावनाएँ)

कार्यक्रम में बताया गया कि शहीद शिरोमणि चिलकोटी ने मातृभूमि की रक्षा करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया। उस समय उनके बड़े पुत्र नारायण दत्त चिलकोटी मात्र एक वर्ष के थे और छोटे पुत्र जनार्दन चिलकोटी माँ की कोख में छह माह के थे। बताते चलें कि उनकी धर्मपत्नी वीरांगना मंदोदरी देवी का निधन लगभग दो वर्ष पूर्व हो चुका है।इस अवसर पर जनार्दन चिलकोटी ने भावुक होकर कहा – “यदि माँ आज जीवित होतीं और इस गीत को सुन पातीं, तो निश्चय ही स्वयं को गौरवान्वित महसूस करतीं।”

(परिवार और समाज का आभार)

शहीद शिरोमणि चिलकोटी के पुत्रों ने गायक बी.के. सामंत जी, लेफ्टिनेंट जनरल डी. जी. मिश्रा सहित सभी सैन्य अधिकारियों और जवानों का हृदय से आभार व्यक्त किया। शहीद की पुत्रवधू एवं समाजसेविका जया चिलकोटी, तथा छतार वार्ड की सभासद प्रेमा चिलकोटी ने भी इस अवसर पर बी.के. सामंत और सेना अधिकारियों के प्रति कृतज्ञता जताई।

समारोह की गरिमा को बढ़ाने हेतु ब्रिगेडियर विनोद सिंह रौतेला तथा ब्रिगेडियर गौतम पठानिया की विशेष उपस्थिति रही।

समारोह में उपस्थित गणमान्य लोगों ने कहा कि “कश्मीर बॉर्डर” गीत शहीदों की स्मृति को अमर बनाए रखने में एक महत्वपूर्ण कड़ी सिद्ध होगा। यह गीत आने वाली पीढ़ियों तक वीरता और बलिदान का संदेश पहुँचाएगा तथा सीमांत क्षेत्रों के युवाओं में गर्व और देशभक्ति की भावना का संचार करेगा।

कार्यक्रम के लिए ब्रिगेडियर विनोद सिंह रौतेला को विशेष धन्यवाद दिया गया जिनके मार्गदर्शन एवं सहयोग से यह गीत साकार रूप ले पाया। आज उत्तराखंड का संगीत, सेना का पराक्रम और संस्कृति की महक मिलकर एक नया इतिहास रच रहे हैं।

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