रिपोर्ट: साहबराम : Haryana: हरियाणा में अब मोबाइल पर देख सकेंगे जमीन रिकॉर्ड, नहीं काटने पड़ेंगे दफ्तरों के चक्कर

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Thu, Sep 18, 2025
Haryana: हरियाणा वासियों के लिए जरूरी खबर सामने आ रही है। हरियाणा में अब लोगों को जमीन से जुड़े दस्तावेज देखने के लिए तहसील या दफ्तर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
जानकारी के मुताबिक, बहुत जल्द राजस्व विभाग व्हाटसप चैटबॉट शुरू करने जा रहा है। इससे मोबाइल फोन पर रिकार्ड, म्युटेशन की स्थिति और संपत्ति कर का जानकारी देखना बिल्कुल आसान हो जाएगा। Haryana News
बड़ी छलांग
मिली जानकारी के अनुसार, वित्तायुक्त राजस्व और राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ। सुमिता मिश्रा ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से उपायुक्तों के साथ हुई समीक्षा बैठक में कहा कि हम ई-गवर्नेंस की दिशा में बड़ी छलांग लगाने को तैयार हैं। जानकारी के मुताबिक, उन्होंने बताया कि 29 सितंबर को कुरूक्षेत्र की लाडवा तहसील से सीएम नायब सैनी भूमि और संपत्ति के लेनदेन को अधिक पारदर्शी और नागरिक अनुकूल बनाने के लिए डिजाइन किए गए इन सुधारों का औपचारिक उद्घाटन करेंगे। Haryana Land Jamin Property News
जानकारी के मुताबिक, उन्होंने बताया कि सरकार का प्रमुख सुधार पेपरलेस पंजीकरण की शुरुआत है, जो जमाबंदी, म्युटेशन, कैडस्ट्रल मैप्स और रजिस्ट्री डेटा को एक एकीकृत डिजिटल तंत्र में एकीकृत करेगा। मिली जानकारी के अनुसार, इससे संपत्ति पंजीकरण तेज, पारदर्शी और सुरक्षित हो जाएगा। यह प्रकिया पूरी तरह से डिजिटल हो जाएगी, तो लोगो को दफ्तरों की भागदौड़ नहीं करनी पड़ेगी। Haryana Land Jamin Property News
लगेगा अंकुश
मिली जानकारी के अनुसार, सुमिता मिश्रा ने बताया कि लाडवा में आयोजित कार्यक्रम के दौरान नई प्रणाली का लाइव प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अन्य प्रमुख पहलों में सीमांकन पोर्टल भी शामिल है, जिसे भूमि सीमा निर्धारण में होने वाली देरी और विवादों को दूर करने के लिए डिजाइन किया गया है। Haryana Land Jamin Property News
जानकारी के मुताबिक, यह पोर्टल प्रक्रिया को मानकीकृत और डिजिटल करेगा, जिससे तहसीलदारों, कानूनगो और पटवारियों की सक्रिय भागीदारी से समयबद्ध और सटीक सीमांकन सुनिश्चित होगा। Haryana News
मिली जानकारी के अनुसार, लंबे समय से लंबित विवादों से निपटने के लिए प्रदेश सरकार राजस्व न्यायालय मामला प्रबंधन प्रणाली का संचालन करेगी, जिसका उद्देश्य म्युटेशन, बंटवारे और सीमा संबंधी मामलों को तेजी से निपटाना है। कानूनी और डिजिटल उपकरणों के संयोजन से लंबित मामलों का निपटारा जल्दी हो सकेगा। साथ ही, भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी।