रिपोर्ट:लक्ष्मण बिष्ट 👹👹 : चंपावत:चुनाव आते ही जिले में शराब तस्करों की आई बाढ़ जनता हैरान। आखिर कहा से आए इतने तस्कर।

होटल और ढाबों में खुलेआम बिक रही है शराब पुलिस नहीं कर रही है कार्यवाही।पंचायत चुनाव आते ही जिले में शराब तस्करों की बाढ़ सी आ गई है। चंपावत पुलिस ने दो-तीन दिन के भीतर ही इतने शराब तस्कर और शराब पकड़ दी है जितनी साल भर में नहीं पकड़ी। लोग हैरान है कि अचानक चुनाव के समय में ही इतने शराब तस्कर जिले में कहां से आ जाते हैं ।खासकर पर्वतीय क्षेत्र में। लोगों का कहना है पुलिस ने जो शराब तस्कर पकड़े हैं उसमें नेपाल से भी हैं और चंपावत जिले से बाहर के भी हैं आखिर यह शराब तस्कर कहां से आए। लोगों का कहना है चंपावत पुलिस स्पष्ट भी नहीं कर रही है कि यह शराब तस्कर आखिर शराब कहां से ला रहे है और कहा ले जा रहे हैं और अचानक से जिले में कहां से आ गए। लोगों ने कहा आज एक ही दिन में पुलिस ने जिले के तीनों ब्लाकों में शराब पकड़ी है। लोग हैरान हैं। लोगों का कहना है जबकि जिले के खासकर पर्वतीय क्षेत्र में होटल व ढाबों में खुलेआम शराब परोसी जाती है पर उन पर कोई कार्रवाई पुलिस के द्वारा नहीं की जाती है। लोगों ने कहा चुनाव आते ही अचानक से पुलिस एक्टिव होती है और शराब तस्करों को गिरफ्तार कर अपनी पीठ थपथपाती है।
लोगों ने कहा अगर पुलिस साल भर ऐसी कार्रवाई शराब तस्करों के खिलाफ करें तो शराब तस्करी में काफी हद तक गिरावट आएगी। कहा आज गांव-गांव में शराब पहुंच रही है पर पुलिस के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। लोगों ने कहा क्या चंपावत पुलिस चुनाव के समय ही शराब तस्करों को पकड़ने के लिए सक्रिय रहेगी। सूत्रों के मुताबिक जो शराब तस्कर पकड़े गए हैं उनमें से कुछ का शराब से कोई वास्ता ही नहीं है। पुलिस के द्वारा स्पष्ट भी नहीं किया जा रहा है कि आखिर जो शराब तस्कर पकड़े गए हैं शराब कहां से ला रहे थे किसके इशारे पर ला रहे थे और कहां ले जा रहे थे या शराब चुनाव में बटने जा रही थी। चंपावत पुलिस ने कल भी जो बनबसा में एसएसबी ने लाखों की नगदी और लाखों की ज्वेलरी पकड़ी थी उसकी भी अधूरी जानकारी दी है।आखिर उस नगदी और ज्वेलरी को लेकर कौन आया कहां से आया उनकी गिरफ्तारी हुई या नहीं हुई। पुलिस ने कुछ भी स्पष्ट नहीं किया है। फिलहाल चंपावत पुलिस शराब तस्करों को पकड़कर अपनी पीठ थपथपाती नजर आ रही है। पर जनता है वह सब जानती है। जनता ने पुलिस से होटल व ढाबों में 12 महीने खुलेआम बिकने वाली शराब पर लगाम लगाने की मांग की है।