रिपोर्ट:लक्ष्मण बिष्ट 👹👹 : लोहाघाट:राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय पासम में रिकॉर्ड तोड़ नामांकन छात्र संख्या 50 के पार।

शैलेश मटियानी पुरस्कार प्राप्त शिक्षक नरेश जोशी की मेहनत लाई रंग 2023 में 16 2024 में 17 और 2025 में 20 विद्यार्थियों ने लिया प्रवेश।एक और जहा सरकारी विद्यालय छात्र संख्या के अभाव में बंद हो रहे हैं वही भारत नेपाल सीमा से लगे लोहाघाट विकासखंड के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय पासम ने इस शैक्षणिक सत्र में भी नामांकन के नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। कक्षा 6 में 20 बच्चों के प्रवेश से विद्यालय की कुल छात्र संख्या 53 पहुंच गई है, जो कि सरकारी स्कूलों में बच्चों की घटती संख्या के बीच एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है। इस उपलब्धि के पीछे विद्यालय के समर्पित शिक्षक नरेश जोशी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। शिक्षा के क्षेत्र में उनके अनुकरणीय योगदान के लिए उन्हें "शैलेष मटियानी पुरस्कार" से सम्मानित किया गया था। उन्होंने अपने विद्यालय को केवल एक शिक्षण संस्थान नहीं, बल्कि ज्ञान और कौशल विकास का केंद्र बना दिया है। उनकी नवीन शिक्षण विधियों और व्यक्तिगत मार्गदर्शन ने अभिभावकों का विश्वास बढ़ाया, जिसके परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में बच्चों का नामांकन हुआ।विद्यालय को लोकप्रिय बनाने हेतु श्री जोशी ने रचनात्मक शिक्षण के द्वारा पारंपरिक पढ़ाई के साथ-साथ प्रायोगिक और गतिविधि आधारित शिक्षण को बढ़ावा दिया।
स्मार्ट क्लास और तकनीकी के उपयोग से बच्चों को डिजिटल माध्यम से पढ़ाने के लिए स्मार्ट क्लास की शुरुआत की गई, जिससे उनकी रुचि और सीखने की क्षमता बढ़ी। इसके अतिरिक्त सामुदायिक भागीदारी हेतु स्थानीय समुदाय और अभिभावकों के साथ बेहतर संवाद स्थापित किया गया, जिससे शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ी। साफ-सुथरा और प्रेरणादायक विद्यालय परिसर होने से विद्यालय का वातावरण ऐसा बनाया गया कि बच्चे स्वयं विद्यालय आने के लिए प्रेरित होंने लगे।निःशुल्क पाठ्य सामग्री और पोषण योजना से विद्यार्थियों को सरकारी योजनाओं के तहत उचित संसाधन उपलब्ध कराए गए, जिससे वे निर्बाध रूप से पढ़ाई जारी रख सकें।
विद्यालय में पढ़ रहे छात्रों ने बताया कि पहले उन्हें पढ़ाई में रुचि नहीं थी, लेकिन जब से नई शिक्षण विधियाँ अपनाई गई और उनको विभिन्न गतिविधियों में प्रतिभाग कराया जाने लगा तो वे स्कूल आने के लिए उत्साहित रहते हैं। वहीं, अभिभावकों ने भी कहा कि सरकारी विद्यालय में इस तरह का वातावरण मिलना एक सुखद आश्चर्य है, जिससे उनका भरोसा बढ़ा है।
नरेश जोशी और उनकी टीम के शिक्षक सुभाष चंद्र कृष्ण कुमार चौबे एसएमसी अध्यक्ष मोहन सिंह की इस मेहनत ने यह साबित कर दिया है कि यदि शिक्षकों की इच्छाशक्ति और समर्पण प्रबल हो, तो सरकारी स्कूल भी निजी स्कूलों को टक्कर दे सकते हैं। उनकी इस सफलता की चर्चा अब अन्य स्कूलों में भी हो रही है, और कई शिक्षक इस मॉडल को अपनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय पासम की यह उपलब्धि सरकारी शिक्षा व्यवस्था के लिए एक प्रेरणास्रोत है। शिक्षक नरेश जोशी की मेहनत और नवाचार ने यह दिखा दिया है कि अगर सही दिशा में प्रयास किया जाए, तो सरकारी स्कूलों को भी गुणवत्ता की दृष्टि से श्रेष्ठ बनाया जा सकता है।विद्यालय में केवल तीन अध्यापक ही कार्यरत हैं। बढती छात्र संख्या के कारण फर्नीचर और एक अतिरिक्त कक्ष की नितांत आवश्यकता है।