रिपोर्ट :लक्ष्मण बिष्ट : लोहाघाट:कड़ाके की ठंड में भी जगा रही ‘योग की अलख’ योग अनुदेशिका सोनिया आर्या।
Laxman Singh Bisht
Sun, Dec 7, 2025
.कड़ाके की ठंड में भी जगा रही ‘योग की अलख’ योग अनुदेशिका सोनिया आर्या।
ठिठुरती सुबहों में स्वास्थ्य का अद्भुत संकल्प — आयुष्मान आरोग्य मंदिर में योग से बढ़ रही रोग प्रतिरोधक क्षमता।
लोहाघाट मे कड़ाके की ठंड अपने चरम पर है। तापमान इस कदर गिर चुका है कि अधिकांश लोग सुबह बिस्तर से निकलने का साहस भी नहीं जुटा पाते। ऐसे मौसम में शारीरिक व्यायाम और योग करना तो दूर, लोग घरों से बाहर निकलना भी कठिन समझते हैं। लेकिन इसी कठिन मौसम में लोहाघाट का आयुष्मान आरोग्य मंदिर एक प्रेरणादायक मिसाल पेश कर रहा है। यहां की योग अनुदेशिका सोनिया आर्या प्रतिदिन सुबह 5 बजे महिला योग साधकों को नियमित योगाभ्यास कराती हैं। ठंडी हवाओं और जमा देने वाले तापमान के बावजूद साधक पूरे उत्साह और अनुशासन के साथ कक्षा में पहुंचते हैं। उनके हौसले और नियमितता ने इस स्थान को स्वास्थ्य का एक जीवंत केंद्र बना दिया है। सोनिया आर्या न केवल योगाभ्यास करवाती हैं, बल्कि योग के साथ-साथ साधकों को संतुलित खान-पान, सर्दियों में अपनाए जाने वाले पथ्य–अपथ्य, और मौसम के अनुसार शरीर को सुरक्षित रखने के महत्वपूर्ण उपाय भी बताती हैं। उनका कहना है कि सर्दियों में छोटे-छोटे बदलाव—जैसे गर्म पानी का सेवन, पौष्टिक आहार, और नियमित व्यायाम—शरीर को रोगों से बचाने में बेहद मददगार होते हैं। इन दिनों साधकों को ऐसे विशेष योगाभ्यास सिखाए जा रहे हैं जिनसे शरीर में शीघ्र ऊष्मा उत्पन्न होती है। सूर्य नमस्कार, कपालभाति, भस्त्रिका, ताड़ासन, त्रिकोणासन आदि अभ्यास सर्दियों में विशेष रूप से लाभकारी माने जाते हैं। इन क्रियाओं से न केवल शरीर गर्म रहता है, बल्कि रक्त संचार तेज होता है, फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है और तनाव भी कम होता है।सोनिया आर्या का कहना है कि सर्दियों में शरीर सुस्त हो जाता है, ऐसे में योग ही वह माध्यम है जो शरीर और मन दोनों को सक्रिय, सशक्त और ऊर्जावान बनाता है। उन्होंने बताया कि कई महिला साधक स्वास्थ्य समस्याओं के साथ योग करना शुरू करती हैं, लेकिन नियमित अभ्यास से उनमें उल्लेखनीय सुधार देखा जाता है। योग अनुदेशिका ने आम जनता से अपील की है “जाड़ों में आलस्य छोड़कर योग अपनाएं। व्यायाम को आदत बनाएं और योग को जीवनशैली तभी रहेगा शरीर निरोग।” उनका कहना है कि ठंड चाहे जितनी भी कड़ाके की हो, यदि मन में स्वास्थ्य का संकल्प मजबूत हो तो हर सुबह नई ऊर्जा के साथ शुरू की जा सकती है।