रिपोर्ट:लक्ष्मण बिष्ट : चंपावत :डोलियों में अस्पताल जाना ग्रामीणों की मजबूरी गर्भवती को 5 किलोमीटर पैदल डोली से पहुंचाया अस्पताल

Laxman Singh Bisht
Mon, Sep 8, 2025
कलजाख के ग्रामीणों के लिए डोली बनी 108,
सड़क न होने का खामियाजा भुगत रहे हैं ग्रामीण
सीएम घोषणा में शामिल सड़क चार वर्ष में भी नहीं बढ़ पाई एक कदम आगे।चंपावत जिला मुख्यालय से सात किलोमीटर दूर कलजाख के ग्रामीणों ने डोली से 5 किमी पैदल लाने के बाद एक गर्भवती को महिला को नया जीवन दिया है। यहां के ग्रामीणों के लिए डोली ही जीवन रक्षक बनकर सामने आ रही है। लंबे समय से ग्रामीण सड़क सुविधा की मांग कर रहे हैं। लेकिन अभी तक सड़क न बनने के कारण ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सोमवार को भावना जोशी(21) पत्नी जगदीश चंद्र को अचानक पेट दर्द होने लगा। गांव में किसी प्रकार की कोई स्वास्थ्य सुविधा न होने के कारण ग्रामीणों ने तत्काल कुर्सी में डंडे बांधकर गर्भवती महिला को 5 किलोमीटर पैदल ऊबड़ खाबड़ रास्तों से डोली बनाकर हुए मुख्य मार्ग तक पहुंचाने के बाद चंपावत जिला अस्पताल में भर्ती कराया हैं।
जिसके बाद महिला को उपचार मिल पाया। ग्रामीणों का कहना है कि सड़क न होने के कारण ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कहा कि 2022 में यह सड़क मुख्यमंत्री घोषणा में शामिल हो गई थी। लेकिन उसके बाद भी अभी तक सड़क नहीं बनने के कारण ग्रामीण परेशान है। जिसके बाद ग्रामीणों ने सामाजिक कार्यकर्ता गिरीश जोशी के नेतृत्व में जिला अधिकारी को ज्ञापन सौंप कर जल्द सड़क बनाने की मांग उठाई है। साथ ही मांग पूरी न होने पर आंदोलन की चेतावनी भी ग्रामीणों के द्वारा दी गई है। ग्रामीणों ने कहा जिस दिन उनके गांव में सड़क पहुंचेगी वह दिन उनके लिए किसी दीपावली से कम नहीं होगा। इस दौरान ज्ञापन देने वालों में ग्राम प्रधान पार्वती जोशी, गिरीश जोशी, मोहन चंद्र, धर्मानंद, बलदेव, भुवन जोशी, दिनेश जोशी, नारायण दत्त सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
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सड़क बनने से आधा दर्जन ग्राम पंचायत की दो हजार से अधिक की आबादी को लाभ मिलेगा। लेकिन मुख्यमंत्री घोषणा होने के बाद भी सड़क नहीं बनने से इन लोगों को सड़क सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इस सड़क के बनने से बड़ी आबादी को राहत मिलने के साथ ही बीमार और गर्भवती महिलाओं को भी राहत मिलती । फिलहाल डोली ग्रामीणों के लिए 108 का कार्य कर रही है। ना मालूम कब तक गांव के मरीज व गर्भवती महिलाएं डोलियों के सहारे अस्पताल ले जाए जाएंगे यह कुछ कहा नहीं जा सकता है। वह दिन कब आएगा जब चंपावत जिले का हर एक गांव व तोक सड़क सुविधा से जुड़ेगा। आज भी आदर्श जिला चंपावत के कई गांव व तोक सड़क पहुंचने का इंतजार कर रहे हैं।