रिपोर्ट :लक्ष्मण बिष्ट : चंपावत:बागधारा हादसे से क्या पुलिस व परिवहन विभाग लेगा सबक नसेड़ी चालकों पर होगी कार्रवाई।
बागधारा हादसे से क्या पुलिस व परिवहन विभाग लेगा सबक नसेड़ी चालकों पर होगी कार्रवाई।
एनएच विभाग की बड़ी लापरवाही दुर्घटनाग्रस्त क्षेत्र में नहीं लगे थे क्रस बैरियर। सड़क सुरक्षा के दावे रह गए धरे।
चंपावत के बागधारा में हुए सड़क हादसे ने पांच मासूम जिंदगी छीन ली। हादसे में भावना चौबे व उनके 6 साल के मासूम बेटे की भी जान चली गई और एक पांच वर्षीय बेटे का अस्पताल में उपचार चल रहा है। जिसने भी इन मां बेटे के शवो को देखा उसकी आंख भर आई।आखिर इस हादसे का जिम्मेदार है कौन? कौन लेगा इसकी जिम्मेदारी? क्या राहत राशि देकर ही प्रशासन इति श्री कर लेगा? आगे से इस प्रकार के दुखद हादसे ना हो इसके लिए पुलिस व प्रशासन क्या कोई ठोस कार्रवाई करेगा?
इस भीषण हादसे की जो वजह सामने निकल कर आई है उसमें वाहन चालक देवीदत्त का शराब के नशे में होकर वाहन को तेज गति से चलाना वाहन की गति इतनी तेज थी कि वाहन पैराफिट तोड़कर 200 मीटर गहरी खाई में समा गया और पांच मासूम जिंदगियां चली गई। और इसमें एनएच विभाग की लापरवाही भी सामने निकल कर आई है जब एनएच विभाग को वाहनों की सुरक्षा के लिए सड़क किनारे क्रश बैरियर लगाने के निर्देश दिए गए हैं और सरकार के द्वारा पूरा बजट भी दिया गया है तो इस स्थान पर क्रश बैरियर विभाग के द्वारा क्यों नहीं लगाए गए ?
अभी भी कई स्थान राष्ट्रीय राजमार्ग में ऐसे हैं जहां क्रश बैरियर नहीं लगे हैं। लोगों का कहना है अगर क्रश बैरियर होते तो वाहन खाई में जाने से संभवत: बच जाता। क्या अब चंपावत पुलिस व परिवहन विभाग ऐसे हादसों को रोकने के लिए शराब पीकर वाहन चलाने वाले चालकों पर नकेल कस पाएगा या चार दिन अभियान चला कर मामला ठंडे बस्ते में चला जाएगा। चंपावत जिले में टनकपुर से लेकर घाट ,बोतड़ी तक पुलिस के द्वारा जगह-जगह चौकिया खोली गई है ।क्या इन चौकिया पर वाहन चालकों की जांच नहीं होती है। इन चौकिया को खोलने का उद्देश्य क्या है? लोगों ने कहा रात में वाहन चलाने वाले चालकों की खासकर बारात के वाहन चालकों की एल्कोमीटर से जांच होनी चाहिए।
कहा शराब पीकर वाहन चलाने से कई हादसे अक्सर सामने आते हैं। जिनमें कई जाने चली जाती है। हालांकि पुलिस अधीक्षक चंपावत के द्वारा पुलिस अधिकारियों को वाहन दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कड़े निर्देश दिए गए हैं तथा वाहन चालकों की एल्कोमीटर से जांच करने के भी आदेश पुलिस अधीक्षक के द्वारा दिए गए हैं। अब देखना है आदेशों का पालन कितनी सख्ती से पुलिस कर पाती है। और एनएच विभाग को भी सड़क सुरक्षा को लेकर राष्ट्रीय राजमार्ग में क्रश बैरियर लगाने होंगे। लापरवाही अक्सर जिंदगियों पर भारी पड़ती है। इसका जीता जागता उदाहरण बागधारा हादसा है।