: चंपावत:चरस व स्मैक तस्करी का गढ़ बनता जा रहा है चंपावत जिला पुलिस अंकुश लगाने में नाकाम होटलो में खुलेआम परोसी जा रही है शराब

चरस व स्मैक तस्करी का गढ़ बनता जा रहा है चंपावत जिला पुलिस अंकुश लगाने में नाकाम
चंपावत जिला चरस व स्मैक तस्करी का गढ़ बनता जा रहा है हालांकि चंपावत पुलिस के द्वारा समय-समय पर चरस व स्मैक तसकरो को पड़कर जेल भेजा जा रहा है पर चंपावत पुलिस नशा तस्करी पर लगाम नहीं लग पा रही है पिछले हफ्ते भी चंपावत पुलिस ने 25 किलो से अधिक चरस के साथ दो तस्करों को पकड़ने में सफलता हासिल करी लेकिन उसके बावजूद भी चंपावत के पहाड़ी क्षेत्रों व नेपाल से बड़ी मात्रा में चरस तस्करी लगातार हो रही है और तराई क्षेत्र से लगातार स्मैक लगातार पहाड़ों को आ रही है जिसका शिकार युवा पीढ़ी हो रही है लोगों का कहना है चंपावत पुलिस नशा तस्करों में लगाम लगाने में असफल नजर आ रही है जिसका खामियाजा युवा पीढ़ी को भुगतना पड़ा है इसके अलावा जिले के होटलो में खुलेआम शराब परोसी जा रही है चंपावत नगर में ही कई ऐसे होटल है जो खुलेआम शराब लोगों को परोस रहे हैं और पुलिस मूकदर्शक बनी है जबकि चंपावत में कोतवाली और पुलिस चौकी है और पुलिस अधीक्षक खुद चंपावत में बैठते हैं लोगो ने ए भी कहा क्षेत्र के युवा लगातार स्मैक जैसे नशे के शिकार होकर अपना जीवन बर्बाद कर रहे हैं हालांकि चंपावत एसपी नशे के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कर रहे हैं एसपी के निर्देश पर कुछ बड़े नशा तस्करों को पकड़ा भी गया है जो कि नाकाफी है अभी भी जिले में कई नसा तस्कर सक्रिय है इसके अलावा मुख्यमंत्री धामी द्वारा 2025 तक उत्तराखंड को नशा मुक्त बनाने के निर्देश दिए हैं लेकिन जिस गति से पुलिस नशा तस्करों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है लगता नहीं है कि 2025 तक उत्तराखंड व चंपावत जिला नशा मुक्त बन पाएगा
