रिपोर्ट: लक्ष्मण बिष्ट : चंपावत :एक ही शासन एक ही प्रशासन के अधीन काम कर रहे हैं फायर कर्मी सिस्टम का झेल रहे हैं दंश।

Laxman Singh Bisht
Thu, Sep 11, 2025
पुलिस विभाग में दोहरा मापदंड होने के कारण जूनियर कर्मियों के अधीन काम कर रहे हैं अग्निशमन कर्मी।चंपावत। एक ही प्रशासन में कार्य करते हुए अग्निशमन विभाग में काम करने वाले फायर कर्मियों को लगातार 20 साल की संतोष जनक सेवा के उपरांत भी उनके लिए एएसआई पद में पदोन्नति के द्वारा बंद पड़े हैं। जिसका कारण अग्निशमन विभाग में एएसआई का पद सृजित न होना है। उन्हें किस तरह से कुंठित होकर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना पड़ रहा होगा इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि एक साथ भर्ती हुए पुलिस विभाग में यदि कोई व्यक्ति फायर सर्विस के अतिरिक्त अन्य शाखाओं में जाता है तो वह एएसआई के पद पर पदोन्नति प्राप्त कर सकता है,लेकिन फायर सर्विस कर्मी इस पद पर पदोन्नति से वंचित है। वर्ष 2022 में जारी शासनादेश का लाभ उठाते हुए एएसआई के पद पर पुलिस की सभी विभागों के मुख्य आरक्षी को एएसआई के पद पर पदोन्नति प्राप्त हो रही है। शासन द्वारा उक्त अवधि में उत्तराखंड राज्य में लगभग 1750 एएसआई के पदों का सृजन कर पदोन्नतियां कर दी गई परंतु अग्निशमनकर्मी इस लाभ से वंचित रह गए।दूसरी ओर अग्निशमन विभाग में एएसआई के पदों का सृजन न होने से कार्मिक अपनी किस्मत पर रो रहे हैं ।एक ही शासन एक ही विभाग में हो रहे भेदभाव को देखा जाए तो फायर सर्विस को छोड़कर पुलिस की अन्य सभी शाखों में 2022 में मुख्य आरक्षी बने कार्मिक एएसआई के पदों पर पदोन्नत हो गए हैं दूसरी ओर फायर सर्विस कर्मी वर्ष 2005 में मुख्य आरक्षी बनने पर भी आज तक एएसआई पद पर पदोन्नत नहीं हो पाए हैं। उनसे कई जूनियर पुलिस कर्मी एएसआई बनकर फायर सर्विस कर्मियों को आदेश निर्देश दे रहे है, जिससे उनकी मनोदशा का स्वयं ही अंदाजा लगाया जा सकता है। अग्निशमन कर्मियों की निगाहें अब सरकार की नजरे इनायत पर टिकी हुई हैं । सरकार यदि इन्हें तत्काल एएसआई के पद सृजित कर पदोन्नति का अवसर देती है तो राजकोष पर भी इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि एएसआई पद पर पदोन्नत होने वाले फायर कर्मी पूर्व से ही 4600 / 4800 ग्रेड पे प्राप्त कर रहे हैं।